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Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड में मानसून की इस बारिश ने राहत की जगह आफत का रूप धारण कर लिया है। पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही भारी वर्षा ने न केवल लोगों की जिन्दगी मुश्किल बना दी है बल्कि कई जगहों पर भारी तबाही भी मचा दी है। मलबे से सड़कों का बंद होना और बादल फटने जैसी घटनाएं राज्य के कई हिस्सों में चिंता का विषय बनी हुई हैं।
मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में भारी वर्षा को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। रविवार, 27 जुलाई को नैनीताल, चंपावत और बागेश्वर के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है, जिसका मतलब है कि स्थिति गंभीर हो सकती है और प्रशासन को पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए। वहीं देहरादून, टिहरी, पौड़ी और पिथौरागढ़ जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जहां गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है और बिजली गिरने का खतरा भी बना है।
रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ के नजदीक रुमसी गांव में शुक्रवार की देर रात बादल फटने की घटना ने भारी नुकसान पहुंचाया है। इस आपदा से पास के बेडुबगड़ क्षेत्र में कई मकानों में मलबा घुस गया जबकि आधा दर्जन से अधिक वाहन मलबे के नीचे दब गए। ग्रामीणों के अनुसार तेज धमाके की आवाज के बाद भारी बारिश शुरू हो गई, जिसने वहां के निवासियों में भय और दहशत का माहौल पैदा कर दिया। कई लोग पूरी रात जागते हुए गुजारनी पड़ी।
देहरादून के मौसम की बात करें तो रविवार को यहां आंशिक बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। तापमान अधिकतम 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है।
बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी जिले भूस्खलन और सड़क बंद होने से सबसे अधिक प्रभावित हैं। ऐसे हालात में प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और आपदा प्रबंधन केंद्रों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। लोगों को पहाड़ी इलाकों की अनावश्यक यात्रा से बचने, नदी नालों के किनारे जाने से परहेज करने और मौसम विभाग की अपडेट्स पर ध्यान देने की कड़ी सलाह दी गई है।
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