
Up Kiran, Digital Desk: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) और उनके परिवार के बीच चल रहा पारिवारिक विवाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस बार ख़बरें कोर्ट-कचहरी से आई हैं, जो एक्टर के लिए बहुत अच्छी नहीं हैं। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपने भाई शमास सिद्दीकी और पूर्व पत्नी आलिया सिद्दीकी के खिलाफ जो 100 करोड़ रुपये का बड़ा मानहानि मुकदमा (Defamation Suit) दर्ज किया था, उसे बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
यह फैसला नवाजुद्दीन सिद्दीकी की कानूनी लड़ाई को बड़ा झटका माना जा रहा है।
मानहानि मुकदमे की वजह क्या थी: असल में, एक्टर ने अपने भाई शमास और एक्स-वाइफ़ आलिया (Aaliya Siddiqui) पर सार्वजनिक रूप से उनके खिलाफ गलत, बेबुनियाद और भ्रामक बयान देकर उनकी मानहानि करने का आरोप लगाया था। इन बयानों के कारण गोपनीयता (Privacy) और करियर दोनों पर बुरा असर पड़ रहा था। इसलिए एक्टर ने अपनी छवि को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 100 करोड़ रुपये की इतनी बड़ी राशि का दावा किया था।
हाई कोर्ट का फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?
बॉम्बे हाई कोर्ट का यह फैसला एक बड़ा संकेत है कि ऐसे संवेदनशील पारिवारिक विवाद जो पहले ही बहुत ज़्यादा पब्लिक हो चुके हैं, उन्हें कोर्ट में आगे बढ़ाना अब शायद एक्टर के लिए मुश्किल होगा। हालांकि कोर्ट ने इस केस को खारिज क्यों किया, इसके विस्तृत कारण अभी सामने नहीं आए हैं, पर इतना तय है कि कोर्ट की तरफ से आया यह फैसला नवाजुद्दीन की कानूनी टीम के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी इस फैसले पर क्या रुख अपनाते हैं। क्या यह पारिवारिक विवाद सुलह-समझौते के लिए मध्यस्थता की ओर बढ़ेगा, या एक्टर इस हाई कोर्ट के फैसले को बड़ी अदालत में चुनौती देंगे— यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल, यह साफ है कि कानूनी लड़ाई लड़कर इस विवाद से निकलना आसान नहीं होगा।