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यूपी किरण डेस्क। उत्तराखंड में डी एल एड बेरोजगारों का कोई पुरसाहाल नहीं है। विगत 16 दिनों से प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा में धरनारत डी एल एड बेरोजगारों की मांगों पर शासन प्रशासन गौर नहीं कर रहा है। डी एल एड बेरोजगारों ने कहा है कि जब तक सरकार  प्रथमिक विद्यालयों में रिक्तियां नहीं निकालती तब तक धरना जारी रहेगा। धरने के दौरान प्रशिक्षुओं के द्वारा निदेशालय की साफ सफाई तथा ऐपन निर्माण किया गया।

उल्लेखनीय है कि डीएलएड. 2019-20 का सत्र कोरोना महामारी के कारण   2023 में लगभग 5 वर्षो में पूर्ण हुआ । प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के 4000 से अधिक पद रिक्त है और इसकी पुष्टि भी शिक्षा मंत्री द्वारा लिखित रूप से की गई है। 11 अगस्त 2023 को सर्वोच्च न्यायालय ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था, फिर भी सरकार  द्वारा अभी तक नियमावली को ही संशोधित  नहीं किया गया है। यह सरकार की प्राथमिक शिक्षा के प्रति निष्क्रियता को दर्शाता है ।

शिक्षा मंत्री जगह-जगह जाकर नए प्राथमिक विद्यालयों का शिलान्यास कर रहे हैं, परन्तु शिक्षा मंत्री शायद भूल गए हैं कि केवल ईंट पत्थरों से बने कमरों का शिलान्यास करके नौनिहालों का भविष्य नहीं सुधरेगा। जब तक कि कुशल शिक्षक विद्यालय में ना हो। डीएलएड प्रशिक्षितों की बस एक ही मांग है कि आचार संहिता से पहले प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जारी हो। गौरतलब है कि उत्तराखंड में लगभग चार हजार पीआरटी शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इसके बावजूद उत्तराखंड सरकार पीआरटी शिक्षकों की रिक्तियां नहीं निकाल रही है। 

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