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Up Kiran, Digital Desk: मतदाता सूची दुरुस्त करने का काम चल रहा है और ऊपर से दबाव भी खूब है। नतीजा यह कि अब लापरवाही करने वालों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। पिछले चौबीस घंटे में ही आजमगढ़ और अमरोहा से सख्त कार्रवाई की खबरें आई हैं। कोई निलंबित हुआ तो किसी का वेतन ही रोक दिया गया।

आजमगढ़ में दो को सीधे सस्पेंड

आजमगढ़ के लालगंज इलाके में जिला निर्वाचन अधिकारी खुद बूथ बूथ घूम रहे थे। सबसे कम काम वाले केंद्रों पर नजर पड़ी तो हड़कंप मच गया।

शाहपुर के प्राथमिक स्कूल में बीएलओ रफीउल्लाह का काम देखकर अधिकारी नाराज हो गए। फॉर्म बांटने से लेकर डिजिटल करने तक हर जगह खामियां। बस फिर क्या था। तुरंत निलंबन के आदेश जारी।

इसी तरह उधरा कूबा और शिवका के दो स्कूलों में लेखपाल विनोद कुमार यादव पर गाज गिरी। वहां की बीएलओ महिलाओं को न तो सही जानकारी दे रहे थे और न ही कोई मदद। लेखपाल को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने को कहा गया है।

अमरोहा में 23 शिक्षकों की सैलरी पर ताला

अमरोहा में तो एसडीएम पुष्कर नाथ चौधरी ने और सख्त तेवर दिखाए। उनके सामने जो बीएलओ या सहायक निरीक्षण के समय केंद्र पर नहीं मिले उन्हें सीधे वेतन रोकने का फरमान सुना दिया।

कुल 23 लोग इसकी चपेट में आए। इनमें ज्यादातर स्कूली शिक्षक और शिक्षामित्र हैं जिन्हें अतिरिक्त ड्यूटी दी गई थी। एसडीएम ने साफ कह दिया कि चुनाव का काम राष्ट्रीय कर्तव्य है। इसमें ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी।

साथ ही चेतावनी भी दे दी कि अगली बार कोई गैरहाजिर मिला तो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मुकदमा ठोंक दिया जाएगा। पहले भी यहां 25 लोगों को कारण बताओ नोटिस थमाए जा चुके हैं।

ऊपर से लगातार दबाव, नीचे खौफ

दरअसल भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार साफ कह रखा है कि मतदाता सूची में एक भी गलती बर्दाश्त नहीं होगी। ऊपर से मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन अधिकारी रोज वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे हैं। नतीजा यह कि जिलों में अफसर दिन रात छापे मार रहे हैं।

जो बीएलओ या सुपरवाइजर थोड़ी भी चूक करते पकड़े जा रहे हैं उनकी शामत आ जाती है। कहीं निलंबन तो कहीं वेतन रोक तो कहीं नोटिस।

शिक्षक परेशान, लेकिन बोल नहीं पा रहे

दूसरी तरफ शिक्षक संगठन चुप्पी साधे हुए हैं। वजह साफ है। सबको पता है कि ड्यूटी से मना करो तो मुश्किल बढ़ेगी। जो लोग दिन रात सर्वे कर रहे हैं वे भी थके हुए हैं लेकिन ऊपर से दबाव इतना कि कोई रियायत नहीं।