Up Kiran, Digital Desk: न्याय की चौखट पर देर हो सकती है, अंधेर नहीं। यह बात भगवानपुर (हरिद्वार ) क्षेत्र में हुई एक दिल दहला देने वाली घटना के मामले में सच साबित हुई है। एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले दरिंदे पड़ोसी को विशेष न्यायालय ने आजीवन सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई है। यह फैसला समाज में ऐसे जघन्य अपराधों को अंजाम देने वालों के लिए एक सख्त संदेश है।
सरकारी अधिवक्ता भूपेंद्र चौहान ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना 1 मार्च 2024 की शाम लगभग साढ़े सात बजे की है। भगवानपुर में किराए के मकान में रहने वाली एक छोटी बच्ची अपने बाथरूम में गई थी। कुछ देर बाद वह रोते हुए अपनी मां के पास आई। बच्ची के कपड़े अस्त-व्यस्त थे और वह बुरी तरह घायल थी।
मां ने जब उससे पूछा तो बच्ची ने अपने पड़ोसी, नीरज नामक युवक पर गंदा काम करने का आरोप लगाया। यह सुनकर बच्ची के माता-पिता तुरंत आरोपी के कमरे पर गए, लेकिन वह तब तक वहां से भाग चुका था।
भागने की कोशिश नाकाम, पुलिस ने किया गिरफ्तार
पीड़िता की मां ने उसी रात मकान मालिक के ज़रिए पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। भगवानपुर पुलिस ने बिना देर किए आरोपी नीरज, जो कि मूल रूप से ग्राम रमई रायके टोला, गोपालगंज, बिहार का निवासी है, के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया।
पुलिस की तत्परता का नतीजा था कि घटना के महज़ पांच दिन बाद ही आरोपी नीरज को धर दबोचा गया। उसे कोर्ट में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। विवेचक ने मज़बूत साक्ष्यों के साथ आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। सरकारी पक्ष ने अपने केस को साबित करने के लिए कुल दस अहम गवाह पेश किए।
सज़ा के साथ कड़ा जुर्माना और मुआवज़ा
विशेष कोर्ट ने सभी सबूतों और गवाहों के बयानों को ध्यान में रखते हुए आरोपी नीरज को आजीवन सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने उस पर दो लाख रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि यदि दोषी जुर्माना राशि जमा नहीं करता है, तो उसे अतिरिक्त पाँच साल की जेल काटनी होगी।




