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गाजा पट्टी एक बार फिर खून से लथपथ है। इजरायल और हमास के बीच सीजफायर की बातचीत एक बार फिर टूट गई है और इसका खामियाजा गाजा के बेगुनाह लोग भुगत रहे हैं। इजरायल ने हमास पर उसकी शर्तों को न मानने का इल्जाम लगाते हुए भारी बमबारी शुरू कर दी है, जिसमें पिछले दो दिनों में 92 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। इस बीच यहूदी देश ने अमेरिकी अधिकारियों से गुहार लगाई है कि वे 7 अक्टूबर 2023 के हमास हमले के दोषियों पर चार्जशीट दाखिल करने में जल्दबाजी न करें, ताकि यहूदी राष्ट्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी न झेलनी पड़े।
सीजफायर की नाकामी और गाजा पर बमबारी
इजरायल और हमास के बीच सीजफायर की कोशिशें बार-बार नाकाम हो रही हैं। इजरायल का कहना है कि हमास उसकी शर्तों को मानने को तैयार नहीं है, जिसके जवाब में उसने गाजा पर भारी बमवर्षा शुरू कर दी है। पिछले दो दिनों में 92 से ज्यादा लोग इस हिंसा का शिकार बन चुके हैं। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। गाजा के अस्पताल लाशों और घायलों से भरे पड़े हैं और मानवीय संकट गहराता जा रहा है।
इजरायल को सता रहा है ये डर
यह पूरा विवाद 7 अक्टूबर 2023 को इजरायली जमीन पर हुए हमास के हमले से जुड़ा है, जिसमें 1200 से ज्यादा लोग मारे गए थे। हमास के इस नरसंहार ने इजरायल को हिला दिया था और इसके जवाब में इजरायल ने गाजा पर अब तक की सबसे भीषण सैन्य कार्रवाई शुरू की। इजरायली सेना के मुताबिक, इस जवाबी कार्रवाई में अब तक गाजा में 51,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
ये डेटा दोनों पक्षों की क्रूरता और इस युद्ध की भयावहता को दर्शाता है। लेकिन इस बीच यहूदी देश की एक नई चिंता सामने आई है- अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी। इजरायल अब भय है कि यदि अमेरिका ने हमास के हमलावरों पर पहले चार्जशीट दाखिल कर दी, तो ये यहूदी राष्ट्र के लिए कूटनीतिक संकट पैदा कर सकता है।
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