img

Nepal currency note: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का चीन के प्रति झुकाव किसी से छिपा नहीं है। चीन के साथ संबंध बनाने की उनकी इच्छा इतनी प्रबल है कि नेपाल सरकार ऐसे कदम उठा रही है जो काठमांडू के नई दिल्ली के साथ संबंधों के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। जिन्हें नहीं पता, उन्हें बता दें कि नेपाल ने 2020 में तीन भारतीय क्षेत्रों - लिम्पियाधुरा-कालापानी-लिपुलेख पर दावा किया था। देश के उत्तर-पश्चिमी कोने में स्थित 370 वर्ग किलोमीटर का विवादित क्षेत्र कई सालों से भारत के अधीन है।

नेपाल ने 2020 में संविधान संशोधन के ज़रिए इन क्षेत्रों को अपने नक्शे में शामिल किया, मगर ये क्षेत्र 200 से ज़्यादा सालों से भारत के नियंत्रण में हैं। नेपाल पाँच भारतीय राज्यों- सिक्किम, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के साथ 1,800 किलोमीटर से ज़्यादा की सीमा साझा करता है। भारत का कहना है कि कागज पर एकतरफ़ा फ़ैसले ज़मीनी हक़ीकत को नहीं बदल सकते।

अब, हाल ही में, ओली कैबिनेट ने नेपाली 100 रुपये के अपने करेंसी नोट पर इन तीन भारतीय क्षेत्रों के साथ अपने नए नक्शे को शामिल करने को मंज़ूरी दे दी है। नए नोटों की छपाई भारत के साथ नेपाल के संबंधों की परीक्षा लेगी।

बता दें कि नेपाल ने अपने नए करेंसी नोटों की छपाई का ठेका चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन को दिया है। इन सब के चलते आशंका है कि भारत और नेपाल के बीच विवाद खड़ा हो सकता है। 

--Advertisement--