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Up Kiran, Digital Desk: भारत के कई प्रदेशों में कोविड के नए वेरिएंट्स के मामले सामने आने के बाद, उत्तराखंड में भी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। देहरादून, हरिद्वार, विकासनगर, हल्द्वानी, रुड़की के साथ साथ चारधाम यात्रा रूट पर निगरानी बढ़ा दी गई है। संदिग्धों की पहचान कर उनकी जरूरी जांचें की जा रही हैं, वहीं सरकारी अस्पतालों में बेड भी आरक्षित किए गए हैं।
दून अस्पताल का एक्शन प्लान
स्वास्थ्य महकमे का दावा है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए सभी तैयारियां पुख्ता हैं। देहरादून स्थित दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने कोरोना की आशंका के मद्देनजर मरीजों के इलाज के लिए एक विस्तृत एक्शन प्लान तैयार किया है। कोविड के नोडल अफसर, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कुमारजी कौल ने यह कार्ययोजना अधिकारियों को सौंप दी है।
फ्लू क्लीनिक और बेड रिजर्वेशन
कार्ययोजना के तहत दून अस्पताल की नई ओपीडी बिल्डिंग में जल्द ही फ्लू क्लीनिक शुरू किया जाएगा। यहां कोविड एंटीजन और आरटी-पीसीआर की सैंपलिंग की जाएगी। इसके अलावा, आयुष्मान विंग में बच्चों और वयस्कों के इलाज के लिए पचास बेड आरक्षित किए गए हैं। मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है, जिनके साथ जेआर और पीजी भी रहेंगे। नर्सिंग, वार्ड ब्वॉय और सफाई कर्मियों का पूरा रोस्टर भी बनाया जा रहा है। दून अस्पताल के एमएस, डॉ. आरएस बिष्ट ने बताया कि अस्पताल कोरोना को लेकर पूरी तरह से तैयार है और यहां जांच-इलाज की पूरी व्यवस्था है। जो दवाएं उपलब्ध नहीं हैं, उनकी डिमांड भेजी जा रही है।
ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की स्थिति
डॉ. आरएस बिष्ट ने बताया कि दून अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है, और दो नए प्लांट भी शुरू किए जाएंगे। आईसीयू बेड और वेंटिलेटर को लेकर नई रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि तैयारियों को और मजबूत किया जा सके।
मरीजों की शिफ्टिंग में सुधार
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को इमरजेंसी से आईसीयू और वार्डों, तथा वार्डों से ओटी में शिफ्टिंग के दौरान समन्वय की कमी से होने वाली परेशानियों पर एमएस ने संज्ञान लिया है। एमएस डॉ. आरएस बिष्ट ने इस संबंध में इमरजेंसी प्रभारी डॉ. एनएस बिष्ट से चर्चा की। अब यह तय किया गया है कि सभी आईसीयू, वार्डों, इमरजेंसी, ओटी के प्रभारी डॉक्टरों और नर्सिंग अधिकारियों को पूरी गाइडलाइन दी जाएगी।
यह निर्देश दिया गया है कि इमरजेंसी से किसी भी मरीज को आईसीयू या वार्ड में शिफ्ट करने से पहले उसकी स्थिति की पूरी जानकारी दी जाए, ताकि बेड और इलाज की व्यवस्था पहले से की जा सके। इमरजेंसी के ट्रायज, मेडिसिन एलाइड या सर्जरी एलाइड से जूनियर डॉक्टर और नर्सिंग अधिकारी मरीज को शिफ्ट कराने जाएंगे और संबंधित डॉक्टर या स्टाफ को दिए गए उपचार की पूरी जानकारी देंगे, ताकि किसी तरह की समस्या न हो। पिछले दिनों समन्वय के अभाव में कई मरीजों की जान पर बन आई थी, और कुछ डॉक्टरों व स्टाफ के बीच नोकझोंक भी हुई थी।
पीपीई किट और दवाइयों का स्टॉक
दून अस्पताल में करीब तीन हजार पीपीई किट, तीन हजार एन-95 मास्क और अन्य जरूरी दवाइयां उपलब्ध हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए डिमांड भेजी जा रही है, और कुछ अन्य दवाएं-इंजेक्शन भी मंगाए जा रहे हैं।
उत्तराखंड में कोरोना के नए वेरिएंट्स से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से मुस्तैद दिख रहा है। उम्मीद है कि इन तैयारियों से राज्य में कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
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