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Up Kiran, Digital Desk: तेलुगु सिनेमा में अक्सर शहरी पृष्ठभूमि वाली मसाला फिल्में देखने को मिलती हैं, लेकिन 'उप्पु कपूराम्बु' एक ताज़गी भरी हवा की तरह है। यह फिल्म एक 'quirky rural tale' है, जो अपने दिल को छू लेने वाले हास्य और ग्रामीण जीवन की सादगी के साथ दर्शकों का दिल जीत रही है। यह सिर्फ एक कॉमेडी नहीं, बल्कि रिश्तों, आकांक्षाओं और मानवीय भावनाओं की एक मार्मिक कहानी है।

फिल्म का शीर्षक 'उप्पु कपूराम्बु' (नमक और कपूर) अपने आप में एक प्रतीकात्मक अर्थ समेटे हुए है, जो बताता है कि जीवन में साधारण चीजों का भी कितना महत्व होता है। निर्देशक ने ग्रामीण परिवेश की बारीकियाँ, वहाँ के लोगों का हास्य और उनके सहज जीवन को बड़ी ही खूबसूरती से पर्दे पर उतारा है। यह फिल्म आपको अपने गाँव की याद दिला सकती है या आपको ग्रामीण भारत की एक नई समझ दे सकती है।

क्या है फिल्म में खास?

कुल मिलाकर, 'उप्पु कपूराम्बु' एक ऐसी फिल्म है जो आपको हंसने का मौका देगी, लेकिन साथ ही आपके दिल को भी छू जाएगी। अगर आप कुछ अलग और सार्थक देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। यह टॉलीवुड में 'क्वर्की' और 'हार्टफेल्ट' सिनेमा की एक नई मिसाल पेश करती है। 

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