कोलकाता: देश में कोयला के कारोबार को और बेहतर बनाने के लिए सरकार एक नया 'कोल एक्सचेंज' बनाने की तैयारी में है. कोयला सचिव विक्रम देव दत्त ने गुरुवार को बताया कि इस एक्सचेंज से जुड़े नियमों का ड्राफ्ट नवंबर के आखिर तक फाइनल कर लिया जाएगा. फिलहाल, इस ड्राफ्ट पर आम लोगों और संबंधित पक्षों से सुझाव मांगे गए थे, जिनकी अब जांच की जा रही है.
एशिया माइनिंग कांग्रेस के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए दत्त ने कहा, "कोयला एक्सचेंज के ड्राफ्ट नियम पब्लिक डोमेन में हैं. हमें लोगों के कमेंट्स मिले हैं और हम उनकी जांच कर रहे हैं. नवंबर के अंत तक नियम बना लिए जाएंगे."
क्या होगा इस एक्सचेंज से फायदा?
सरकार का मानना है कि इस कोयला एक्सचेंज के बनने से देश में कोयले के व्यापार में पारदर्शिता आएगी, काम और तेजी से होगा और बाजार की जरूरतों के हिसाब से कीमतें तय होंगी. ड्राफ्ट नियमों के मुताबिक, कोल कंट्रोलर ऑर्गनाइजेशन (CCO) को इन एक्सचेंजों को रजिस्टर करने और उन पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी जाएगी. कोयला मंत्रालय ने इस महीने के मध्य तक सभी से सुझाव मांगे थे.
सरकारी कंपनियों के विनिवेश पर भी हुई बात
विनिवेश के बारे में बात करते हुए दत्त ने बताया कि भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) और सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (CMPDIL) की हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया में भी काफी प्रगति हुई है.
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