
Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक के दूसरे सबसे बड़े चिड़ियाघर, शिवमोग्गा के त्यावरेकोप्पा टाइगर और लायन सफारी में इन दिनों एक नई रौनक देखने को मिल रही है। इंदौर और औरंगाबाद के चिड़ियाघरों से छह नए और शानदार जानवर यहां लाए गए हैं, जिससे पर्यटकों के बीच उत्साह का माहौल है। इन नए मेहमानों ने इस सफारी को एक बार फिर से पर्यटन का मुख्य केंद्र बना दिया है।
कौन हैं ये नए मेहमान: सफारी के कार्यकारी निदेशक, अमरअक्षरा ने बताया कि 'एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम' के तहत कुल छह बड़े जानवर यहां लाए गए हैं। इनमें सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र 'विक्रम' नाम का दो साल का एक सफेद बाघ है, जिसे औरंगाबाद से लाया गया है।
विक्रम के अलावा, दो रॉयल बंगाल टाइग्रेस (बाघिन), रोहिणी और श्रावण, भी यहां आई हैं, जिनकी उम्र दो से चार साल के बीच है। वहीं, इंदौर के चिड़ियाघर से दो शेर, शिवा और सहारा, और भद्रा नाम का एक रॉयल बंगाल टाइगर भी इस सफारी का हिस्सा बने हैं।
क्यों लाए गए हैं ये नए जानवर: अमरअक्षरा ने बताया कि ये सभी जानवर युवा हैं, जिससे सफारी में ब्रीडिंग यानी वंश वृद्धि कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "हमारे पास जो शेर और बाघ पहले से थे, वे उम्रदराज हो चुके थे। ये नए और युवा जानवर ब्रीडिंग कार्यक्रम को जारी रखने में सहायक होंगे।"
इस एक्सचेंज के बदले में, शिवमोग्गा सफारी ने इंदौर चिड़ियाघर को चार बाइसन (जंगली भैंसा) और चार शुतुरमुर्ग दिए हैं। वहीं, औरंगाबाद चिड़ियाघर को दो भालू, एक सियार और एक शेर भेजा गया है।
बढ़ने लगी है पर्यटकों की भीड़: नए जानवरों के आने की खबर फैलते ही पर्यटकों में जिज्ञासा बढ़ गई है और यहां आने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा होने की उम्मीद है।
सफारी घूमने आए एक पर्यटक, नारायण ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, "जब मैं शिवमोग्गा आया, तो लोगों ने मुझे इस टाइगर और लायन सफारी के बारे में बताया। यहां शेर और बाघों को एक साथ देखकर मैं हैरान रह गया। यह जगह बहुत साफ-सुथरी और व्यवस्थित है। बंगाल टाइगर को देखना एक बहुत ही खास अनुभव था।"
एक और पर्यटक, निहान ने कहा, "मुझे यह चिड़ियाघर बहुत पसंद आया। सफेद बाघ और ऊदबिलाव मेरे पसंदीदा थे।"
नए मेहमानों के आने से त्यावरेकोप्पा सफारी की रंगत और बढ़ गई है और यह वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन जगह बन गई है।