marburg virus: अगर किसी व्यक्ति की आंखों से खून बह रहा है तो इसे नजरअंदाज न करें। क्योंकि, यह उस व्यक्ति के लिए खतरनाक हो सकता है। इस बीच अफ्रीकी देश रवांडा में मारबर्ग वायरस फैल गया है। इस वायरस ने यहां भारी तबाही मचाई है। अब तक सैकड़ों लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं और 15 लोगों की मौत हो चुकी है।
इस वायरस के खतरे को देखते हुए करीब 17 देशों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक, मारबर्ग वायरस के कारण लोगों की आंखों से पानी जैसा खून निकलने लगता है। इसीलिए इसे ब्लीडिंग आई वायरस भी कहा जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक, ये वायरस इबोला वायरस से संबंधित है। यह वायरल रक्तस्रावी बुखार का भी कारण बनता है। मारबर्ग वायरस लोगों में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और आंतरिक रक्तस्राव का कारण बनता है। ये एक ज़ूनोटिक वायरस है, यानी यह जानवरों से इंसानों में फैलता है। ये गुण चमगादड़ से उत्पन्न होता है और चमगादड़ के रक्त, मूत्र या लार के संपर्क से मनुष्यों में फैलता है। यह वायरस सबसे पहले 1961 में जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में पाया गया था।
नए वायरस के लक्षण जानें
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मारबर्ग वायरस के लक्षण इबोला वायरस के समान हैं, इस वायरस से संक्रमित होने पर लोगों को तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, गले में खराश, दाने जैसे लक्षण अनुभव हो सकते हैं। और दस्त। इसके अलावा, यह विकार आंतरिक रक्तस्राव और अंग विफलता का कारण बनता है। इस वायरस से संक्रमण के बाद अचानक वजन कम होना; नाक, आंख, मुंह या योनि से खून आना और मानसिक भ्रम जैसी समस्याएं होती हैं।
मारबर्ग वायरस संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से फैलता है। डॉक्टरों के मुताबिक, यह शारीरिक तरल पदार्थ के जरिए दूसरे लोगों में फैलता है। इससे बचने के लिए संक्रमित लोगों से दूर रहें। सामाजिक दूरी रखें, मास्क का प्रयोग करें और बार-बार हाथ धोएं।
--Advertisement--