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Up Kiran, Digital Desk: तीन साल से भी अधिक समय से रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष ने न केवल सैन्य दृष्टिकोण से बल्कि तकनीकी और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी कई नए मोर्चे खोले हैं। इन वर्षों में, दोनों देशों के बीच युद्ध के तरीके बदल चुके हैं, जिसमें अब ड्रोन युद्ध और रोबोटिक तकनीक का अहम रोल देखा जा रहा है। हाल ही में, रूस ने कीव पर किए गए एक भीषण हवाई हमले से दुनिया को फिर से चौंका दिया, जिसके बाद युद्ध के मैदान में एक नई रणनीतिक चाल चली गई।
रूस का बड़ा हवाई हमला
रूस ने बुधवार रात को लगातार दूसरे दिन यूक्रेन की राजधानी कीव पर 700 से अधिक ड्रोन दागकर एक बड़ा हवाई हमला किया। यूक्रेनी अधिकारियों ने इस हमले को बेहद विनाशकारी बताया। इस दौरान नाटो के लड़ाकू विमानों को पोलैंड के हवाई क्षेत्र में गश्त लगाने के लिए भेजा गया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने जानकारी दी कि इस हमले में कुल 728 ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, जिनमें शाहेड ड्रोन, किंजल मिसाइलें और इस्कैंडर मिसाइलें शामिल थीं।
यूक्रेनी सैनिकों की नई सफलता
जब युद्ध की रणनीतियाँ बदल रही थीं, उसी दौरान यूक्रेन की सशस्त्र बलों की तीसरी आक्रमण ब्रिगेड ने एक अभूतपूर्व दावा किया है। ब्रिगेड ने बताया कि इतिहास में पहली बार, रूसी सैनिकों ने बिना किसी यूक्रेनी पैदल सेना की मदद के आत्मसमर्पण किया। यह सफलता यूक्रेनी लड़ाकू रोबोटों की वजह से मिली, जिन्होंने जमीनी ऑपरेशनों के दौरान रूसी सैनिकों को नाकों चिढ़ा दी और उन्हें हथियार डालने पर मजबूर कर दिया।
रोबोट और ड्रोन का अभूतपूर्व अभियान
यूक्रेनी ब्रिगेड ने इस अभियान को बेहद असाधारण बताया। इस ऑपरेशन में न तो तोपों का इस्तेमाल किया गया और न ही किसी प्रकार की मिसाइलें दागी गईं। इस बार की लड़ाई में सिर्फ ड्रोन और जमीनी रोबोटों का सहारा लिया गया था। ब्रिगेड ने कहा कि खार्किव क्षेत्र में दुश्मन के मजबूत ठिकानों पर यह तकनीकी हमले किए गए, जिसमें एफपीवी ड्रोन और कामिकेज़ जमीनी रोबोटिक प्लेटफ़ॉर्म का सहारा लिया गया। इन हमलों ने रूसी सैनिकों के गढ़ को ध्वस्त कर दिया और इलाके को मुक्त करवा लिया।
यूक्रेनी ब्रिगेड का वीडियो और दावा
यूक्रेनी फाइटर ब्रिगेड ने इस अभियान का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें स्पष्ट रूप से दिखाया गया है कि कैसे दुश्मन के सैनिकों ने विस्फोट से बचने के लिए आत्मसमर्पण किया। वीडियो में एक सीन दिखाया गया है, जहां एक रोबोट नष्ट किए गए डगआउट के पास पहुंचता है, और इसके बाद रूसी सैनिकों ने सरेंडर करने का ऐलान किया। इसके बाद, बचे हुए सैनिकों को ड्रोन की मदद से यूक्रेनी सीमा तक लाया गया और सैन्य प्रोटोकॉल के तहत उन्हें युद्धबंदी बना लिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स और अभियान की सफलता
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस अभियान में बचाए गए रूसी सैनिकों को ड्रोन की मदद से यूक्रेनी ठिकानों तक ले जाया गया, जहां उन्हें सैन्य नियमों के अनुसार बंदी बना लिया गया। ब्रिगेड ने यह भी बताया कि सुसंगठित और प्रभावी आक्रामक कार्रवाई के कारण, क्षेत्र की किलेबंदी और वन क्षेत्रों को फिर से यूक्रेनी बलों के कब्जे में ले लिया गया। इस सफलता को यूक्रेनी सेना के एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में देखा जा रहा है, जो भविष्य में युद्ध की दिशा को प्रभावित कर सकता है।
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