मोदी सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू किए जाने के बाद विपक्ष निरंतर सरकार की आलोचना कर रहा है। साथ ही इस कानून को मुस्लिम विरोधी कानून बताया है। मगर, सरकार बार-बार कह चुकी है कि सीएए से किसी की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर यह बात दोहराई।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि CAA को मंजूरी मिलने के बाद देश में बड़ी गलतफहमी हुई। जब सच्चाई गलत हो तो सत्ता में बैठी पार्टी की जिम्मेदारी होती है कि वो लोगों तक सच पहुंचाए। विरोधियों ने मुस्लिम समाज को गुमराह किया। विरोधियों ने यह भ्रम फैलाया कि सीएए मुसलमानों को उनकी नागरिकता और मतदान के अधिकार से वंचित कर देगा। मगर, देश के मुसलमानों को बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है। सीएए नागरिकता कानून नहीं है, ये शरणार्थियों के लिए नागरिकता कानून है।'
उन्होंने आगे कहा, 'सीएए के माध्यम से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में उत्पीड़न सहकर भारत आए सिखों, बौद्धों, जैनियों, ईसाइयों और हिंदुओं को नागरिकता दी जाएगी। कई सालों से शरणार्थी का जीवन जी रहे हैं। उन्हें न तो सरकारी नौकरी मिलती है, न ही वे घर खरीद सकते हैं। कांग्रेस के पास इसका कोई जवाब नहीं है, वे सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।'
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