
Up Kiran, Digital Desk: जैन समुदाय के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक, पर्युषण पर्व, जल्द ही शुरू होने वाला है। यह पर्व आत्म-नियंत्रण, तपस्या और आध्यात्मिक उन्नति का समय है, जहाँ भक्त मन, वचन और कर्म से शुद्धता का पालन करते हैं। पर्युषण के दौरान, आहार का विशेष ध्यान रखा जाता है, जिसमें सात्विक, हलके और आसानी से पचने वाले व्यंजनों को प्राथमिकता दी जाती है। यह वह समय है जब जैन व्यंजन न केवल शरीर को शुद्ध करते हैं, बल्कि मन को भी शांत करते हैं।
पर्युषण के दौरान आहार के नियम: संयम और अहिंसा का संगम
पर्युषण के दिनों में, जैन अनुयायी अक्सर जड़ वाली सब्जियों (जैसे प्याज, लहसुन, आलू, गाजर) से परहेज करते हैं, क्योंकि माना जाता है कि उन्हें निकालने में कई छोटे जीवों की हिंसा हो सकती है। इसके अलावा, कई लोग अनाज, कड़वे या तीखे स्वाद, और जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थों से भी दूर रहते हैं। इस समय का भोजन अहिंसा के सिद्धांत को समर्पित होता है, जिसमें ताज़े फल, सब्ज़ियाँ (जड़ों को छोड़कर), दूध और दूध से बने उत्पाद, और मेवे शामिल होते हैं। यह 'व्रत का भोजन' व्यक्ति को आत्म-नियंत्रण सिखाता है और आध्यात्मिक साधना में मदद करता है।
पर्युषण के लिए खास व्यंजन: सात्विकता और स्वाद का अनूठा मेल
पर्युषण के दौरान तैयार किए जाने वाले व्यंजन अक्सर सरल, पौष्टिक और स्वादिष्ट होते हैं, जो शरीर को शुद्धता प्रदान करते हैं। यहाँ कुछ ऐसे व्यंजन हैं जो अक्सर इस अवधि के लिए मेनू का हिस्सा बनते हैं:
साबुत अनाज और फल: साबूदाना (Tapioca pearls) की खिचड़ी, कुट्टू (Buckwheat) के चीले, या सिंघाड़े (Water chestnut) के पकोड़े जैसे व्यंजन बहुत लोकप्रिय हैं। ये व्यंजन कार्बोहाइड्रेट और ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत प्रदान करते हैं, जो व्रत के दौरान आवश्यक है।
दूध आधारित व्यंजन: दूध-पाक (मीठा चावल), दही-आधारित व्यंजन (जैसे दही-वड़ा, रायता), और पनीर से बने हल्के व्यंजन भी अक्सर देखे जाते हैं। ये प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं।
फल और मेवे: ताज़े फल, ड्राई फ्रूट्स (जैसे बादाम, किशमिश, खजूर), और नट्स (जैसे मखाने) न केवल प्राकृतिक मिठास प्रदान करते हैं बल्कि ऊर्जा और पोषक तत्वों का एक पावरहाउस भी हैं।
अन्य विशेष व्यंजन: फलाहारी थाली, जिसमें विभिन्न प्रकार के व्रत वाले व्यंजन शामिल होते हैं, भी एक आम विकल्प है।
आध्यात्मिक लाभ और शारीरिक शुद्धता
पर्युषण के दौरान इन सात्विक और अहिंसक व्यंजनों का सेवन व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध करने में मदद करता है। यह आत्म-संयम और ध्यान के लिए शरीर को तैयार करता है, जिससे आध्यात्मिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में आसानी होती है। यह भोजन न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि आत्मा को भी बल प्रदान करता है
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