
Strange decision of the education department: बिहार का शिक्षा महकमा एक बार फिर सुर्खियों में है मगर इस बार वजह सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। महकमे ने 1522 शिक्षकों को नोटिस थमा दिया है, जिनमें से कुछ इस दुनिया में हैं ही नहीं, तो कुछ रिटायरमेंट की शांत जिंदगी जी रहे हैं।
आरोप है 18 मार्च 2025 को ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज न करना। विभाग का फरमान है कि 24 घंटे में जवाब दो वरना वेतन रोक दिया जाएगा और संतोषजनक जवाब न मिलने पर आगे की कार्रवाई भी झेलनी पड़ेगी।
शिक्षा महकमे के इस अजीबोगरीब आदेश के बाद सीतामढ़ी जिले के बीईपी कार्यालय में शिक्षकों की भीड़ उमड़ पड़ी है। कोई गुस्से में है, कोई परेशान। कुछ शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने तो पोर्टल पर हाजिरी लगाई थी, फिर भी उन्हें नोटिस मिला। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि नोटिस की फेहरिस्त में मृत और रिटायर शिक्षकों के नाम भी शामिल हैं। एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मेरे सहयोगी की मृत्यु को दो साल हो गए, अब उनका परिवार जवाब कैसे देगा?
बता दें कि विभाग अपनी बात पर अड़ा हुआ है। डीईओ का कहना है कि नियम सबके लिए बराबर हैं और पोर्टल पर हर दिन उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य है। लेकिन सवाल ये है कि क्या मृतकों से भी जवाब की उम्मीद की जा रही है?
फिलहाल सीतामढ़ी के शिक्षकों के पास 24 घंटे से भी कम वक्त बचा है। जवाब न देने की सूरत में वेतन रोकने की चेतावनी हकीकत बन सकती है।