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Up Kiran, Digital Desk: ओडिशा सरकार ने एक बड़ी योजना बनाई है, जिसके तहत अब धान से निकलने वाले टूटे चावल (कनकी) को इथेनॉल बनाने के लिए सप्लाई किया जाएगा. यह फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा धान की खरीद का रेट (MSP) बढ़ाए जाने के बाद बहुत से किसानों ने धान की खेती को अपनाया है.

क्यों लिया गया यह फैसला: राज्य सरकार ने धान की कीमत बढ़ाकर 3,100 रुपये प्रति क्विंटल कर दी है. इस अच्छी कीमत के कारण, ज्यादा से ज्यादा किसान धान की खेती की ओर लौटे हैं, जिससे नए किसानों के पंजीकरण में पिछले साल के मुकाबले 29% की बढ़ोतरी हुई है. इससे, इस साल धान की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है.

इतनी बड़ी मात्रा में धान की खरीद के बाद इसका सही इस्तेमाल करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है. इसी को ध्यान में रखते हुए, सोमवार को उपमुख्यमंत्री के.वी. सिंह देव की अध्यक्षता में हुई एक अंतर-मंत्रालयी समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया.

क्या है सरकार का प्लान?इथेनॉल उत्पादन: प्रदेश में बारगढ़ में एक बड़ा इथेनॉल प्लांट है, जहां पहले से ही चावल और उसके भूसे से इथेनॉल बनाया जा रहा है. अब सरकार अतिरिक्त टूटे हुए चावलों को इन प्लांट्स में सप्लाई करेगी. इससे न सिर्फ चावल का सही इस्तेमाल होगा बल्कि देश की ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने में भी मदद मिलेगी.

बनाए जाएंगे नए गोदाम: बढ़ी हुई खरीद को संभालने के लिए, राज्य में और गोदाम बनाने का भी फैसला लिया गया है. यह काम एफसीआई (FCI), सहकारिता विभाग और स्टेट वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन मिलकर करेंगे.

बनेंगी मॉडर्न मंडियां: किसानों की सुविधा के लिए, स्थायी मॉडल 'मंडियां' भी बनाई जाएंगी.

चावल मिलें होंगी अपग्रेड: मौजूदा चावल मिलों को हाइब्रिड मिलों में अपग्रेड किया जाएगा ताकि उत्पादन बेहतर हो सके.

सरकार गरीब परिवारों को मुफ्त चावल देने और दूसरे देशों को चावल एक्सपोर्ट करने पर भी काम कर रही है. यह पूरा रोडमैप नवंबर के अंत तक खरीफ फसलों की खरीद से पहले तैयार कर लिया जाएगा.