
बिहार के रोहतास जिले में स्थित प्रसिद्ध गुप्तेश्वर धाम मंदिर से चुराई गई चार बहुमूल्य प्राचीन मूर्तियों को पुलिस ने महज तीन दिनों में बरामद कर लिया है। इस सनसनीखेज चोरी कांड का अंत बहुत नाटकीय अंदाज में हुआ, जब पुलिस ने दो चोरों और दो खरीददारों को अरेस्ट कर मूर्तियों को सुरक्षित मंदिर प्रशासन के सुपुर्द कर दिया।
चोरी की वारदात से मचा था हड़कंप
शनिवार रात की बात है। कैमूर पहाड़ी पर स्थित गुप्त धाम मंदिर में जब पुजारी सुबह पूजा के लिए पहुंचे, तो वे हक्के-बक्के रह गए। मंदिर से मां काली, लक्ष्मी, दुर्गा और पंचमुखी गणेश जी की पीले धातु की प्राचीन मूर्तियां गायब थीं। मंदिर के पुजारी ने तत्काल चेनारी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई और कुछ स्थानीय लोगों पर संदेह भी जताया।
कैसे पहुंची पुलिस चोरों तक?
सदर SDPO दिलीप कुमार ने इस मामले को व्यक्तिगत रूप से संज्ञान में लिया और विशेष टीम गठित कर जांच शुरू की। पुलिस ने उगहनी गांव के ज्वाला पासवान और काजू शर्मा को हिरासत में लेकर पूछताछ की। सवाल जवाब में दोनों ने अपना गुनाह कबूल किया और बताया कि उन्होंने मूर्तियाँ चुराकर तेलारी गांव के नंदलाल सेठ और छोटेलाल कुमार को बेच दी थीं।
जैसे ही पुलिस को सुराग मिला, तेलारी में छापेमारी की गई और नंदलाल व छोटेलाल के पास से सभी चार प्राचीन मूर्तियाँ बरामद कर ली गईं। इसके बाद पुलिस ने इन दोनों खरीददारों को भी गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में रवि कुमार नामक एक अन्य आरोपी अभी फरार बताया जा रहा है। पुलिस ने उसकी तलाश भी तेज कर दी है।
क्यों हैं ये खास मूर्तियां
बरामद की गईं मूर्तियाँ धातु की बनी हुई प्राचीन कलाकृतियाँ हैं, जिनमें मां काली, लक्ष्मी, दुर्गा और पंचमुखी गणेश जी की प्रतिमाएं शामिल हैं। इन मूर्तियों की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता अत्यंत गहरी है। मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोगों ने मूर्तियों की बरामदगी पर रोहतास पुलिस की सराहना की।