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Up Kiran, Digital Desk: मालगाड़ियों के दुर्घटनाओं के कारण होने वाली त्रासदियों को रोकने के लिए रेलवे ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब असमान लोडिंग से होने वाली गड़बड़ियों पर लगाम लगाने के लिए रेलवे ने ड्रोन तकनीक का सहारा लिया है। यह तकनीक न केवल दुर्घटनाओं की आशंका को कम करेगी, बल्कि माल परिचालन को भी अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाएगी।
नई पहल के तहत, रेलवे बोर्ड ने निर्णय लिया है कि एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित ड्रोन से मालगाड़ियों की लोडिंग की निगरानी की जाएगी। यह ड्रोन लोडिंग के दौरान और बाद में वैगनों की हवाई तस्वीरें और वीडियो लेकर जांच करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई सामान एकतरफा या असंतुलित तरीके से तो नहीं रखा गया। ड्रोन में लगाए गए सॉफ़्टवेयर द्वारा असमान लोडिंग की रीयल-टाइम पहचान की जाएगी, और जैसे ही कोई गड़बड़ी नजर आएगी, संबंधित टीम को अलर्ट भेजा जाएगा।
लगभग एक साल पहले निरंजन डॉट के पुल के पास एक मालगाड़ी डिरेल हो गई थी, और जांच में यह सामने आया कि ओवरलोडिंग के कारण यह हादसा हुआ था। ऐसी घटनाएं सिर्फ प्रयागराज तक सीमित नहीं हैं, बल्कि देशभर में कई स्थानों पर इस प्रकार की दुर्घटनाएं हुई हैं। इस कारण रेलवे बोर्ड ने नए टर्मिनल की पहचान करने का निर्देश दिया है, जहां माल की लोडिंग अधिक होती है और असंतुलन की शिकायतें ज्यादा मिलती हैं।
रेलवे के इस कदम से यह उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में मालगाड़ियों में लोडिंग से संबंधित दुर्घटनाएं कम हो जाएंगी और परिचालन की सुरक्षा में सुधार होगा। एआई ड्रोन की मदद से लोडिंग की निगरानी में एक नई दिशा मिलेगी, जिससे समय रहते समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा।
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