india gate: इंडिया गेट नई दिल्ली में कर्त्तव्य पथ के पास स्थित है। भारतीय सेना के लगभग 75,000 सैनिकों के बलिदान को सम्मानित करता है। यह एक प्रमुख युद्ध स्मारक है, जहाँ इन सैनिकों ने प्रथम विश्व युद्ध (1914-1921) और तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी।
इसे सर एडविन लुटियंस ने डिज़ाइन किया था और इसकी स्थापत्य शैली प्राचीन रोमन विजयी मेहराबों से प्रेरित है। गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री यहां अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जो इसे भारत की औपचारिक परंपराओं का प्रमुख स्थल बनाता है।
अब इंडिया गेट नाम को बदले की मांग उठ रही है। ये मांग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने की है। उन्होंने कहा कि इंडिया गेट का नाम बदलकर भारत माता द्वार रखा जाए। इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी पत्र भी लिखा है।
इसके साथ ही राष्ट्रपति भवन के 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' का नाम बदलकर क्रमशः 'गणतंत्र मंडप' और 'अशोक मंडप' कर दिया गया है। राष्ट्रपति सचिवालय के अनुसार, ये हॉल विभिन्न औपचारिक कार्यों के लिए उपयोग होते हैं। 'दरबार हॉल' का नाम परिवर्तन भारत के गणतंत्र बनने के बाद की प्रासंगिकता को दर्शाता है, जबकि 'अशोक मंडप' का नाम सम्राट अशोक की शांति और एकता के प्रतीक के रूप में रखा गया है। यह परिवर्तन भाषा में एकरूपता लाने और अंग्रेजीकरण के प्रभाव को कम करने का प्रयास है।