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Up kiran,Digital Desk : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मीडिया के बीच का टकराव अब एक नए और संस्थागत स्तर पर पहुंच गया है। ट्रंप के व्हाइट हाउस ने अब खुद को एक 'मीडिया आलोचक' के रूप में पेश करते हुए एक नया वेब पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल का मकसद मीडिया संस्थानों की कथित पक्षपातपूर्ण और भ्रामक रिपोर्टिंग को उजागर करना है। इतना ही नहीं, व्हाइट हाउस ने अब आम अमेरिकी नागरिकों से भी मदद मांगते हुए कहा है कि वे भी मीडिया पूर्वाग्रह के उदाहरण इस पोर्टल पर साझा करें।

क्या है यह नया पोर्टल?

इस नए वेब पोर्टल पर मीडिया संस्थानों की उन खबरों को लिस्ट किया जा रहा है, जिन्हें व्हाइट हाउस पक्षपाती मानता है। इसकी शुरुआत में बोस्टन ग्लोब, सीबीएस न्यूज, द इंडिपेंडेंट और द वाशिंगटन पोस्ट जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों को "सप्ताह का मीडिया अपराधी" के रूप में नामित किया गया है।

पोर्टल में "ऑफेंडर हॉल ऑफ शेम" (अपराधियों का शर्मनाक हॉल) जैसा एक सेक्शन भी बनाया गया है, जहां सबसे ज्यादा आलोचना झेलने वाले मीडिया आउटलेट्स को दिखाया गया है। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, द वाशिंगटन पोस्ट का नाम इसमें सबसे ज्यादा (छह बार) आया  जबकि सीबीएस न्यूज और द न्यूयॉर्क टाइम्स पांच-पांच बार आलोचना का शिकार हुए हैं।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलाइन लीविट ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा, "इतनी सारी झूठी और भ्रामक कहानियों पर नजर रखना बहुत मुश्किल है। यह नया पोर्टल पत्रकारों को जवाबदेह बनाने का एक प्रयास है।"

ट्रंप का मीडिया से पुराना है टकराव

यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने मीडिया पर हमला बोला हो। अपने पहले कार्यकाल से ही वह लगातार मीडिया को "फेक न्यूज" और "जनता का दुश्मन" कहते रहे हैं। उन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी और पत्रकारों पर व्यक्तिगत रूप से भी अपमानजनक टिप्पणियां की हैं। पिछले महीने ही उन्होंने एक महिला रिपोर्टर को 'क्वाइट, पिग्गी' (चुप रहो, सुअरी) कहा था और न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्टर को 'बदसूरत' बताया था।

इस कदम पर बंटी राय, किसी ने की तारीफ तो किसी ने बताया ‘खतरनाक’

  • द वाशिंगटन पोस्ट के संपादक मैट मरे ने इसकी आलोचना करते हुए कहा, "यह बहुत गलत है कि सरकारी अधिकारी उन पत्रकारों को निशाना बना रहे हैं जो संविधान द्वारा दिए गए अपने अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम अपनी रिपोर्टिंग जारी रखेंगे।"
  • वहीं, एक कंजरवेटिव मीडिया वॉचडॉग संस्था ने इस पोर्टल का स्वागत करते हुए कहा कि मीडिया को उसकी जिम्मेदारी का एहसास कराना जरूरी है और यह पिछले रिपब्लिकन राष्ट्रपतियों के मुकाबले एक मजबूत कदम है।
  • न्यूज वेबसाइट एक्सियोस (Axios) के सीईओ जिम वांडिहाई ने इसे देश के लिए नुकसानदेह बताया। उन्होंने कहा, "लोगों के मन में मीडिया और सच्चाई के प्रति लगातार शक पैदा करना देश के लिए अच्छा नहीं है। इस पोर्टल का कोई खास असर नहीं होगा।