अब तक गाय के गोबर का इस्तेमाल केवल खाद, रसोई गैस और अलग अलग धार्मिक अनुष्ठानों जैसी चीजों के लिए किया जाता था। किंतु अब इसका इस्तेमाल स्पेस में रॉकेट भेजने के लिए भी किया जा सकता है. जापान में इंजीनियरों ने गाय के गोबर से मिले तरल बायो-मीथेन द्वारा संचालित एक नए तरह के रॉकेट इंजन की सफल टेस्टिंग की है।
स्टार्टअप इंटरस्टेलर (कंपनी) ने एक बयान में कहा कि जीरो नामक रॉकेट इंजन को जापान के होक्काइडो स्पेसपोर्ट में 10 सेकंड के लिए "स्थैतिक अग्नि परीक्षण" के अधीन किया गया था। कंपनी ने कहा, छोटा उपग्रह प्रक्षेपण यान यानी जीरो बायोमीथेन से चलता है। बायोमीथेन जानवरों के गोबर से प्राप्त होता है। कंपनी इसे होक्काइडो के एक डेयरी फार्म से प्राप्त करती है।
आईएसटी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रॉकेट इंजन परीक्षण का फुटेज भी शेयर की। इस वीडियो में इंजन को स्टार्ट होते देखा जा सकता है और उसमें से आसमानी रंग की आग निकलती देखी जा सकती है।
कंपनी ने कहा कि यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) द्वारा इस तरह के रॉकेट इंजन विकसित करने के बाद ये पहली मर्तबा है कि किसी प्राइवेट कंपनी ने इस प्रकार के एलबीएम ईंधन का उत्पादन किया है। अङम बात ये है कि कंपनी का कहना है कि यह रॉकेट इंजन विज्ञान के विकास में एक मील का पत्थर है।
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