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Up Kiran, Digital Desk: देवभूमि उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। अब एक नई रिपोर्ट ने इसकी ऐतिहासिक संपदा को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (USAC) की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में कुल 403 गढ़ एवं किले मौजूद हैं जो अब तक ज्ञात 52 से कहीं अधिक है।
15 साल की मेहनत, 403 धरोहरें सामने आईं
2008 से 2023 तक की गई इस गहन जांच में USAC के वैज्ञानिकों डॉ. गजेंद्र सिंह, गोविंद सिंह नेगी और डॉ. नवीन चंद्रा ने पूरे राज्य में फील्ड विजिट कर इन संरचनाओं की पहचान की।
कुल मिलाकर 235 गढ़ और 168 किले पाए गए।
ये सभी संरचनाएं परमार, कत्यूर और चंद राजवंशों द्वारा निर्मित मानी जाती हैं।
पौड़ी गढ़वाल में सबसे ज़्यादा किले
अध्ययन के अनुसार, पौड़ी गढ़वाल जिले में ही सर्वाधिक संख्या—81 गढ़ और 27 किले—मिले हैं। इसका प्रमुख कारण माना जाता है कि श्रीनगर गढ़वाल कभी गढ़वाल राजवंश की राजधानी हुआ करता था। इसके अतिरिक्त यह क्षेत्र कुमाऊँ–गढ़वाल सीमा पर रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है।
अन्य जिलों की स्थिति
जिला | गढ़ (मात्रा) | किले (मात्रा) |
---|---|---|
टिहरी | 55 | 9 |
पिथौरागढ़ | – | 42 |
अल्मोड़ा | 8 | 29 |
बागेश्वर | 1 | 11 |
चमोली | 15 | 5 |
चम्पावत | – | 17 |
देहरादून | 19 | – |
हरिद्वार | 4 | – |
नैनीताल | – | 18 |
रुद्रप्रयाग | 19 | 3 |
उत्तरकाशी | 18 | 6 |
ऊधमसिंह नगर | – | 1 |
इसके अलावा, तीन गढ़ हिमाचल प्रदेश की सीमा पर और दो गढ़ उत्तर प्रदेश में मिलें।
ऐतिहासिक विरासत को नई पहचान
USAC के वैज्ञानिकों का मानना है कि इन पक्की और कच्ची स्थिति वाली गढ़-कालों की पहचान के बाद राज्य में महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों की सुरक्षा और पर्यटन विकास के नए अवसर खुलेंगे।
इस रिपोर्ट से अब भविष्य में इन गढ़-किलों का संरक्षण और प्रचार-प्रसार करने की संभावनाएं और मजबूत हो गई हैं।
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