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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के स्टांप व पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने राज्य के विकास के विजन-2047 पर चर्चा करते हुए एक बड़ी योजना का ऐलान किया है, जो आम जनता की जिंदगियों में आसानियां लाने वाली है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के न्यायालयों में पारिवारिक झगड़ों का आंकड़ा सबसे अधिक है। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए सरकार जल्द ही एक ऐसा नया तरीका लाने जा रही है, जिसमें विवादों को सिर्फ पाँच मिनट में हल किया जा सकेगा और इसके लिए महज पांच हजार रुपये का स्टांप लगेगा।
परिवारिक विवादों से होगी जल्दी छुटकारा
मंत्री ने कहा कि ये योजना चार पीढ़ियों तक के विवादों को समाप्त करने में मदद करेगी। इसके तहत आपसी सहमति से मामलों को तेजी से निपटाया जाएगा, जिससे कोर्टों का बोझ भी कम होगा और परिवारों में तनाव भी घटेगा।
किराए के मामलों में भी आएगा बदलाव
रवींद्र जायसवाल ने ये भी बताया कि किराए से जुड़ी समस्याओं को कम करने के लिए रेंट एग्रीमेंट के रजिस्ट्रेशन के नियमों को सरल बनाया जा रहा है। अब किराएदार और मकान मालिक कम खर्च में, सिर्फ 1000 से 3000 रुपये के बीच किराए के अनुबंध का रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे।
डिजिटल युग के अनुरूप रजिस्ट्री व्यवस्था
मंत्री ने यह भी कहा कि जैसे पासपोर्ट कार्यालय में सुविधाओं का आधुनिकीकरण हुआ है, वैसे ही रजिस्ट्री कार्यालयों को भी अत्याधुनिक बनाया जाएगा। इसके साथ ही स्टांप पेपर की उपलब्धता को एटीएम की तरह सुनिश्चित किया जाएगा ताकि किसी भी समय जरूरत पड़ने पर आसानी से स्टांप पेपर मिल सके।
घर बैठे हो सकेगी कई प्रकार की रजिस्ट्री
लोग अब घर बैठे कई दस्तावेजों की रजिस्ट्री कराने की सुविधा का लाभ उठा पाएंगे। स्टांप ड्यूटी का भुगतान भी विभिन्न डिजिटल माध्यमों से किया जा सकेगा, जिससे लोगों का समय और मेहनत दोनों बचेंगे। वहीं विवाह का पंजीयन भी अब शादी समारोह स्थल पर ही कराया जा सकेगा, जिससे पेपरवर्क में काफी सुविधा होगी।
राजस्व में तीन गुना वृद्धि, बिना स्टांप ड्यूटी बढ़ाए
राजस्व की बात करें तो मंत्री ने कौटिल्य के सिद्धांत का हवाला देते हुए बताया कि कर वसूली में संतुलन बनाए रखना जरूरी है ताकि जनता पर बोझ न पड़े और उनका जीवन सुचारु रूप से चलता रहे। यही वजह है कि बिना स्टांप ड्यूटी बढ़ाए भी विभाग का राजस्व तीन गुना तक बढ़ गया है। पिछले आठ वर्षों में रजिस्ट्री की संख्या 28 लाख से बढ़कर 50 लाख के करीब पहुंच चुकी है, जबकि सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं हुई।
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