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farmer incentive amount: राजस्थान के खेतों में एक वक्त गर्व से दौड़ने वाले नागौरी नस्ल के बैलों की संख्या तेजी से घट रही है। ये किसानों और पशुपालकों के लिए चिंता का सबब बन गया था। मगर अब इस चिंता के बीच एक राहत भरी खबर आई है। सीएम बजट घोषणा 2025-26 के तहत अब लघु और सीमांत किसानों को बैल जोड़ी से खेती करने पर हर साल 30 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। इस फैसले से न सिर्फ बैलों की घटती संख्या पर लगाम लगेगी बल्कि पारंपरिक खेती को भी नया जीवन मिलेगा।

नागौरी बैल अपनी ताकत और सहनशक्ति के लिए मशहूर हैं, मगर बीते चंद सालों में इनकी संख्या में भारी गिरावट आई है। इसका बड़ा कारण है 3 साल तक के बछड़ों की खरीद पर लगी रोक। कम उम्र में बैलों की उपलब्धता घटने से पशुपालकों के लिए जोड़ी तैयार करना मुश्किल हो गया। नतीजा ये रहा कि खेतों में ट्रैक्टर ने बैलों की जगह ले ली। मगर अब सरकार की नई योजना इस रुझान को पलटने की कोशिश है। प्रोत्साहन राशि से उम्मीद की जा रही है कि किसान फिर से बैलों की ओर रुख करेंगे।

ये किसान होंगे पात्र

मुख्यमंत्री की इस घोषणा के तहत कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। प्रोत्साहन राशि सिर्फ उन किसानों को मिलेगी, जिनके पास एक जोड़ी बैल हैं और वे खेती में इनका इस्तेमाल करते हैं। बैलों की उम्र 15 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और उनका पशु बीमा होना जरूरी है। कृषि और पशुपालन विभाग मिलकर ऐसे किसानों का डेटाबेस तैयार करेगा, ताकि योजना का लाभ सही हाथों तक पहुंचे। ये कदम न सिर्फ बैलों की संख्या बढ़ाएगा। तो वहीं छोटे किसानों की आर्थिक मदद भी करेगा।

ऐसे उठा सकेंगे फायदा

इस योजना का फायदा उठाने के लिए किसानों को ज्यादा भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। वे नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर या खुद ‘राज किसान साथी’ पोर्टल पर जनाधार के जरिए आवेदन कर सकते हैं। फॉर्म भरने के बाद कियोस्क ऑपरेटर रसीद देगा और ऑनलाइन आवेदन करने पर रसीद डिजिटल रूप से मिलेगी। आवेदन की जांच 30 दिनों में पूरी होगी। यदि कोई कमी पाई गई, तो किसान को आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर SMS मिलेगा। फिर उनके पास 30 दिन होंगे कमी दूर करने के लिए। ऐसा न करने पर आवेदन रद्द हो जाएगा। ये प्रक्रिया आसान और पारदर्शी रखी गई है, ताकि हर पात्र किसान को फायदा मिले।