
Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने देश की न्याय व्यवस्था पर अपना गहरा विश्वास जताते हुए कहा कि आम आदमी आज भी न्याय के लिए अदालतों की ओर ही देखता है, क्योंकि उसे सिस्टम की पारदर्शिता और प्रभावशीलता पर पूरा भरोसा है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि एक मज़बूत और स्वतंत्र न्यायपालिका ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है.
मुख्यमंत्री विशाखापत्तनम में आंध्र प्रदेश न्यायिक अकादमी (APJA) की नई इमारत के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. इस कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ भी मौजूद थे.
जब जज खुद पहुंचे थे बाढ़ पीड़ितों के द्वार
सीएम जगन ने पिछले साल आई बाढ़ की एक घटना को याद करते हुए न्यायपालिका की संवेदनशीलता की तारीफ की. उन्होंने बताया कि कैसे हाईकोर्ट के जज खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों में गए और लोगों को सीधे उनके घर पर मुआवज़े के चेक सौंपे.
उन्होंने कहा, "यह एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे हमारी न्यायपालिका आम आदमी की तकलीफ को समझती है. जब जज खुद लोगों के दरवाजे पर पहुंचते हैं, तो इससे सिस्टम में लोगों का भरोसा कई गुना बढ़ जाता है."
अब हर गांव तक पहुंचेगा न्याय
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार न्याय को सस्ता और हर किसी की पहुंच में बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला:
नए जिलों के साथ नई अदालतें: राज्य में 13 नए जिले बनाए गए हैं, और इन सभी नए जिला मुख्यालयों में जल्द ही जिला अदालतों का निर्माण किया जाएगा.
गांवों में 'जूनियर सिविल जज कोर्ट': सरकार हर मंडल (ब्लॉक) में एक जूनियर सिविल जज कोर्ट स्थापित करने की योजना बना रही है ताकि लोगों को छोटे-छोटे मामलों के लिए दूर शहरों तक न जाना पड़े.
ग्राम सचिवालय और वालंटियर: सरकार की ग्राम सचिवालय और वालंटियर प्रणाली यह सुनिश्चित कर रही है कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी भ्रष्टाचार के सीधे लोगों के घरों तक पहुंचे, जिससे कानूनी विवादों की संख्या में भी कमी आई है.
सीएम जगन ने न्यायिक अकादमी को हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि "देरी से मिला न्याय, अन्याय के बराबर है" के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए, उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि न्याय की प्रक्रिया तेज़ हो और हर नागरिक को समय पर न्याय मिल सके.
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