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Up Kiran, Digital Desk: डिजिटल इंडिया के इस दौर में जहां हर चायवाला भी अब “QR कोड स्कैन करो” कहता है वहां कैश का चलन धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। आज UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस के जरिए हर दिन करोड़ों ट्रांजैक्शन होते हैं।
चाहे किराना शॉप हो ऑनलाइन शॉपिंग या दोस्तों को पैसे भेजने की बात- सब कुछ अब बस कुछ सेकंड्स में हो जाता है। मगर जितनी तेज़ और आसान ये सुविधा है उतनी ही बड़ी एक समस्या भी है- गलत अकाउंट में पैसे ट्रांसफर हो जाना।
अगर आपसे भी कभी ऐसा हुआ है तो अब घबराने की जरूरत नहीं है। NPCI यानी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने इस परेशानी को जड़ से खत्म करने के लिए UPI से जुड़ा एक बड़ा और अहम नियम लागू कर दिया है। आइए जानते हैं इस नए नियम के बारे में सबकुछ।
क्या है NPCI का नया नियम
अब जब भी आप किसी को UPI से पैसे भेजेंगे- चाहे वह व्यक्ति आपके फोन में किसी भी नाम से सेव हो स्क्रीन पर वही नाम दिखाई देगा जो उसके बैंक अकाउंट के कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) में रजिस्टर्ड है।
आसान भाषा में समझें
अगर आपने अपने दोस्त को "बबलू बिजली वाला" के नाम से सेव किया है मगर उसके बैंक अकाउंट में नाम "रमेश कुमार" है- तो UPI ट्रांजैक्शन करते समय आपको "रमेश कुमार" ही दिखाई देगा।
इससे होगा क्या
ट्रांजैक्शन से पहले ही आप कन्फर्म कर पाएंगे कि आप सही व्यक्ति को पैसे भेज रहे हैं या नहीं। गलत नाम देखकर आप रुक सकते हैं और दोबारा जांच कर सकते हैं। गलत अकाउंट में पैसे जाने की समस्या लगभग खत्म हो जाएगी।
ये नियम कब से लागू होगा
30 जून 2025 से यह नियम सभी UPI ऐप्स (जैसे PhonePe Google Pay Paytm आदि) पर अनिवार्य रूप से लागू हो जाएगा। मान लीजिए आपने सारी सावधानियां बरतीं मगर फिर भी गलती हो गई- तो क्या करें। सबसे पहले उस व्यक्ति से संपर्क करें (अगर नंबर या कोई पहचान हो) और politely रिक्वेस्ट करें कि पैसे वापस कर दे।
अगर वह पैसे लौटाने को तैयार नहीं हो तो तुरंत अपने बैंक में शिकायत दर्ज करें। UPI हेल्पलाइन नंबर 18001201740 पर कॉल करें। या फिर NPCI की वेबसाइट पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
ध्यान दें- अगर आपने खुद से मनी ट्रांसफर किया है और गलत अकाउंट में गया है तो बैंक उसकी गारंटी नहीं लेता। मगर NPCI के सिस्टम से हुई गलती हो तो वह इसकी जांच करता है।
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