
ओडिशा के बालासोर जिले के ईशानी गांव में सोमवार को मातम और सम्मान का दृश्य एक साथ देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पहलगाम के हमलों में जान गंवाने वाले प्रशांत सतपथी को पुष्पांजलि की। इस पर सीएम ने न सिर्फ सैंडस्टैंडर, बल्कि प्रशांत के परिवार के लिए बड़ी घोषणा भी की- 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद, पत्नी को सरकारी नौकरी और नौ साल का मौका बेटे की पूरी पढ़ाई का खर्च सरकारगी।
बात करते वक्त सहमति हो गई पत्नी, भावुक कर देखने वाला
प्रशांत की पत्नी प्रिया दर्शना आचार्य सीएम माझी से बात करते हुए भावुकता पर भावुकता नहीं रख सकीं और भावुक हो गईं। मुख्यमंत्री ने अपने स्वास्थ्य की चिंता को देखते हुए कहा कि राज्य सरकार इस कठिन समय में पूरे परिवार के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने साफ़ कहा:
"यह कायराना हमला बेहद निंदनीय है। प्रशांत का बलिदान नहीं होगा। हम उनके परिवार को हरसंभव मदद देंगे।"
बेटे और पत्नी की सामने गोली मारकर की गई थी प्रशांत को
कश्मीर के अनुयायियों में जहां एक परिवार की खुशियां शामिल हो गई थीं, वहां तीर्थयात्रियों और मातम का इंतजार किया जा रहा था।
40 साल प्रशांत सतपथी, जो केंद्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईपीईटी) में लेखा सहायक थे, अपनी पत्नी और बेटे के साथ छुट्टी पर थे।
बैसरन में रोपवे से उतरते समय, वैज्ञानिक ने प्रशांत को सिर में गोली मार दी—उनकी पत्नी और 9 साल के बेटे तनुज के सामने।
प्रियदर्शनी ने बताया, "जहां कहीं गिर पड़ा। सेना एक घंटे बाद आई... लेकिन तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था।"
प्रशांत की यात्रा अत्यंत उत्साह लेकर आई
प्रशांत के भाई शांति सतपथी ने बताया कि उनके भाई ने महीनों से पैसे बचाकर यह यात्रा करने की योजना बनाई थी।
"वह बहुत खुश था। पहली बार पूरे परिवार को लेकर कश्मीर जा रहा था। लेकिन किसे पता चला, यह यात्रा उसकी जिंदगी का आखिरी यात्रा बन जाएगी।"
प्रशांत की मौत की खबर से सदमे में डूबी मां पूरी तरह से टूट गई, पुरालेख से कुछ भी बोल पाने का अनुमान नहीं है।
ओडिशा सरकार का प्रेरक कदम
मुख्यमंत्री माझी ने न सिर्फ आर्थिक मदद का वादा किया, बल्कि राहत राहत के संकेत भी दिए:
20 लाख रुपये की सहायता राशि।
प्रिया दर्शनी को नौकरी देने की घोषणा।
बेटे तनुज की शिक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार बनेगी।
यह निर्णय उस समय लिया गया जब पूरे देश में इस हमले पर रोक लगा दी गई और प्रशांत के नागरिकों के बलिदान को सलाम किया जा रहा है।