
Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली में पुरानी कारों की कीमतें काफी गिर गई हैं, जिससे सेकंड हैंड कार खरीदने वालों के लिए यह एक अच्छा मौका बन गया है। खासकर बीएस-4 (BS-IV) उत्सर्जन मानदंडों वाली कारों की कीमतें अधिक प्रभावित हुई हैं।
इस गिरावट का मुख्य कारण दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध है। साथ ही, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में भी वाहनों को केवल कुछ विशिष्ट सीमाओं तक ही चलाने की अनुमति है। इन नियमों के चलते पुरानी कारों के मालिकों के लिए अपनी गाड़ियाँ रखना मुश्किल हो गया है, जिससे वे उन्हें कम कीमत पर बेचने को मजबूर हैं।
बाजार में पुरानी कारों की आपूर्ति बढ़ने और मांग में कमी आने के कारण कीमतें गिरी हैं। जिन कारों की कीमत पहले 1 लाख रुपये या उससे अधिक होती थी, अब वे 50,000 रुपये या उससे भी कम में उपलब्ध हैं। जो वाहन 3-4 लाख रुपये के थे, वे अब लगभग 1.5 लाख रुपये में मिल रहे हैं। यह उन लोगों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो कम बजट में कार खरीदना चाहते हैं, खासकर जो दिल्ली के बाहर इसका उपयोग करेंगे।
यहां तक कि मारुति सुजुकी डिजायर जैसी लोकप्रिय कॉम्पैक्ट सेडान, जो पहले 2.5-3 लाख रुपये में बिकती थी, अब 1 लाख रुपये से भी कम में मिल रही है। यह गिरावट न केवल छोटी कारों में देखी जा रही है, बल्कि एसयूवी जैसी बड़ी गाड़ियों पर भी इसका असर पड़ा है।
जो लोग दिल्ली में इन कारों को नहीं चला सकते, वे उन्हें पड़ोसी राज्यों जैसे हरियाणा और राजस्थान में बेच रहे हैं, जहाँ ये प्रतिबंध लागू नहीं होते। इससे डीलरों के लिए भी इन कारों को दिल्ली से बाहर के खरीदारों तक पहुँचाना एक चुनौती बन गया है।
कुछ वाहन मालिक अभी भी अपनी कारों को गैर-पंजीकृत राज्यों में भेजने के बजाय खुद ही इस्तेमाल करने का प्रयास कर रहे हैं, भले ही उनकी उपयोगिता सीमित हो गई हो। कुल मिलाकर, दिल्ली में पुरानी कारों के बाजार में यह एक बड़ा बदलाव है, जो खरीदारों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है।
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