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Up Kiran, Digital Desk: लीड्स टेस्ट में इंग्लैंड के बल्लेबाज ओली पोप ने उस वक्त कमाल कर दिया जब टीम को एक ठोस पारी की ज़रूरत थी। जैसे ही उन्होंने अपने टेस्ट करियर का नौवां शतक पूरा किया, उनका जश्न इस पल के महत्व को खुद बयां कर रहा था। जसप्रीत बुमराह की इनस्विंग गेंद पर अंदरूनी किनारा लगने के बाद रन लेते हुए पोप ने जोश में उछाल भरी और ज़ोर से चिल्लाए। यह महज़ एक रन नहीं, बल्कि खुद पर विश्वास और दबाव से बाहर निकलने की झलक थी।
हालांकि इससे पहले उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ 171 रनों की शानदार पारी खेली थी, लेकिन फिर भी टीम चयन को लेकर कुछ संशय बना हुआ था। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने मैच से पहले कहा था कि पोप को शामिल करना आसान निर्णय था, लेकिन लीड्स की अनिश्चित मौसम वाली पिच पर पोप के मन में खुद को लेकर कुछ असमंजस जरूर था।
सिराज की गेंद पर आत्मविश्वास से भरी शुरुआत
मैदान पर आते ही पोप ने मोहम्मद सिराज की पहली ही गेंद को स्क्वायर लेग की ओर शानदार तरीके से बाउंड्री के पार भेजा। इससे उनकी मानसिकता और इरादों का अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं था। उन्होंने शुरुआती 25 गेंदों में ही 31 रन बना लिए और इंग्लैंड के आक्रामक अंदाज़ को बरकरार रखा। हालांकि कुछ नाजुक क्षण भी आए, जैसे एक एलबीडब्ल्यू अपील और 60 के स्कोर पर यशस्वी जायसवाल के हाथ में आया मुश्किल कैच, लेकिन पोप ने धैर्य और तकनीक से सब कुछ संभाला।
तगड़े विपक्ष और दबाव के बीच बड़ी पारी
पोप की यह पारी महज आंकड़ों से ज़्यादा थी। यह उनकी जगह और आत्मविश्वास को फिर से स्थापित करने वाली थी। भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे टॉप टीमों के खिलाफ अब तक उनका रिकॉर्ड कमजोर रहा है। इससे पहले इन दोनों टीमों के खिलाफ 18 टेस्ट में उनका औसत सिर्फ 22.05 रहा था, जो उनके कद के बल्लेबाज के लिए चिंता की बात थी। भारत के खिलाफ पिछली बड़ी पारी उन्होंने हैदराबाद में खेली थी, जहां उन्होंने 196 रन बनाए थे।
बेन डकेट के साथ सजी साझेदारी और ड्रेसिंग रूम का उत्साह
बेन डकेट, जिन्होंने पोप के साथ 122 रनों की साझेदारी की, ने बाद में कहा कि जब पोप ने शतक पूरा किया तो वह दृश्य बेहद भावुक कर देने वाला था। "जब उन्होंने अपना सैकड़ा पूरा किया तो मुझे सच्ची ठंड लग गई। आप महसूस कर सकते थे कि ये पारी उनके लिए कितनी अहम थी," डकेट ने कहा।
इस शतक को खास बनाने वाली एक और बात थी कि यह पारी भारत के तेज़ गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के खिलाफ़ खेली गई। डकेट ने उन्हें "दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाज" करार दिया और कहा कि जब वह पूरी गति से आते हैं और दोनों ओर स्विंग कराते हैं, तो किसी भी बल्लेबाज के लिए टिके रहना बड़ी बात होती है।
ड्रेसिंग रूम की प्रतिक्रिया और आत्म-संतोष
डकेट ने कहा, "शायद हमें अंदाज़ा नहीं था कि पोप के दिमाग में क्या चल रहा था, लेकिन जिस तरह से उन्होंने खुद पर विश्वास रखा और अपना गेम प्लान नहीं बदला, वो काबिल-ए-तारीफ़ था। जिस अंदाज़ में उन्होंने अपने शतक का जश्न मनाया, उससे पता चलता है कि वह पल सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि पूरी टीम के लिए कितना महत्वपूर्ण था।"
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