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Up Kiran, Digital Desk: 2 अक्टूबर सिर्फ गांधी जयंती नहीं है, बल्कि ये भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी है। उनकी सादगी, ईमानदारी और देशभक्ति आज भी लोगों को प्रेरित करती है। नेहरू जी के बाद जब उन्होंने देश की बागडोर संभाली, तब हालात चुनौतीपूर्ण थे, लेकिन शास्त्री जी ने दृढ़ता के साथ देश का मार्गदर्शन किया।

उनका नारा "जय जवान, जय किसान" आज भी उतना ही प्रासंगिक है। वो न सिर्फ सैनिकों की वीरता को समझते थे, बल्कि किसानों के पसीने की कीमत भी जानते थे।

लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से जुड़ी 10 हैरान कर देने वाली बातें

1. जात-पात को ठुकरा कर बनाया नया नाम

शास्त्री जी का असली नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव था। लेकिन उन्होंने जाति आधारित उपनाम हटाकर सिर्फ "शास्त्री" अपनाया। ये नाम उन्हें काशी विद्यापीठ से पढ़ाई पूरी करने पर मिला था।

2. गंगा पार करने के लिए नहीं था किराया

बचपन में शास्त्री जी रोज़ स्कूल जाने के लिए गंगा नदी तैरकर पार करते थे क्योंकि नाव का किराया नहीं दे सकते थे। एक थैला और कपड़े सिर पर रखकर नदी पार करना उनके लिए आम बात थी।

3. पहले मंत्री जो लाठीचार्ज की जगह पानी की बौछार लेकर आए

जब वो उत्तर प्रदेश के पुलिस मंत्री बने, तब उन्होंने पहली बार भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी की जगह पानी की बौछार का प्रयोग करवाया।

4. महिलाओं को बस कंडक्टर बनाया

परिवहन मंत्री के तौर पर शास्त्री जी ने महिलाओं को बसों में कंडक्टर बनने का अधिकार दिया। उस समय ये एक क्रांतिकारी कदम था।

5. "जय जवान, जय किसान" सिर्फ नारा नहीं, आंदोलन था

1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद देश में खाद्य संकट था। शास्त्री जी ने लोगों से हफ्ते में एक दिन उपवास रखने की अपील की। इसी दौरान उन्होंने वो अमर नारा दिया – "जय जवान, जय किसान"

6. अपने बेटे की पदोन्नति रद्द कर दी

जब उनके बेटे को गलत तरीके से प्रमोशन मिला, तो शास्त्री जी ने तुरंत उसे रद्द कर दिया। उनके लिए ईमानदारी सबसे ऊपर थी, चाहे बात परिवार की ही क्यों न हो।

7. पहली बार भ्रष्टाचार पर बनी समिति

1962 में गृह मंत्री रहते हुए, उन्होंने भारत की पहली भ्रष्टाचार जांच समिति बनाई। यह उनके साफ-सुथरे प्रशासन का सबूत था।

8. श्वेत क्रांति के जनक

उन्होंने श्वेत क्रांति का समर्थन किया जिससे भारत दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बना। अमूल और एनडीडीबी जैसे संस्थानों को बढ़ावा देकर देश को दूध उत्पादन में विश्वगुरु बना दिया।