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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी सियासत में एक बार फिर नई हलचल देखी जा रही है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के दो विधायक नवादा से विभा देवी और रजौली से प्रकाशवीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच पर पहुंचकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा चुके हैं। इस घटना ने पार्टी के भीतर असंतोष और भविष्य की संभावनाओं को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रदेश अध्यक्ष का पलटवार

इस घटनाक्रम पर आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने मीडिया से बातचीत में साफ कहा कि 78 विधायकों के समर्थन से हम विधानसभा में आए थे। चार विधायक पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं और अब दो और चले गए। मगर इससे आरजेडी की ताकत पर कोई असर नहीं होगा। जनता का भरोसा आज भी हमारे साथ है।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नवादा विधायक विभा देवी और उनके परिवार की हालिया राजनीतिक गतिविधियां इस बात का संकेत हैं कि वे सरकार के प्रभाव में आकर फैसले ले रहे हैं। उनका आरोप था कि विभा देवी के पति और पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव की हालिया बरी होने की प्रक्रिया में सरकार की भूमिका रही।

राजबल्लभ यादव का मामला

राजबल्लभ यादव, जो पहले नवादा से विधायक रह चुके हैं, पर नाबालिग से दुष्कर्म का गंभीर आरोप लगा था। निचली अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके चलते उनकी सदस्यता भी चली गई थी। हालांकि, हाल ही में पटना हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उन्हें दोषमुक्त कर दिया और वे जेल से बाहर आ गए। 2020 के चुनाव में आरजेडी ने उनकी पत्नी विभा देवी को टिकट दिया था, जो जीतकर विधायक बनीं।

पहले भी टूट चुके थे विधायक

यह पहला मौका नहीं जब आरजेडी को बागियों का सामना करना पड़ा हो। 2024 की शुरुआत में सरकार बदलने के बाद चार विधायक—प्रह्लाद यादव, नीलम देवी, चेतन आनंद और संगीता कुमारी ने पार्टी से किनारा कर लिया था। इनमें से संगीता कुमारी बाद में भाजपा की प्रवक्ता बनीं, जबकि नीलम देवी बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी हैं और चेतन आनंद, आनंद मोहन के बेटे हैं।

 

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