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Up Kiran, Digital Desk: बिहार के वैशाली जिले से एक स्तब्ध कर देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक सरकारी चिकित्सक पर नौकरी का प्रलोभन देकर मध्य प्रदेश की एक युवती के साथ यौन उत्पीड़न का प्रयास करने का आरोप लगा है। इस घटना ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा और सरकारी संस्थानों में व्याप्त कदाचार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

लालगंज थाना क्षेत्र के रेफरल अस्पताल में तैनात डॉक्टर सुनील ने युवती को स्वास्थ्य विभाग में सरकारी नौकरी दिलाने का झूठा आश्वासन दिया। इसी बहाने उसने युवती को मध्य प्रदेश से वैशाली बुलाया। शनिवार की रात, जब अस्पताल परिसर में सन्नाटा पसरा था, डॉक्टर सुनील ने अपनी ड्यूटी के कमरे में युवती को ले जाकर उसे अपनी हवस का शिकार बनाने की कोशिश की। युवती ने हिम्मत दिखाते हुए वहाँ से भागने का प्रयास किया, लेकिन डॉक्टर ने उसके कपड़े फाड़ डाले।

किसी तरह अपनी जान बचाकर भागी युवती पास की एक दुकान पर पहुँची, जहाँ उसने दुकानदार को अपनी आपबीती सुनाई। दुकानदार ने तुरंत उसे एक चादर देकर उसकी लाज बचाई, क्योंकि डॉक्टर की दरिंदगी ने उसके ऊपरी वस्त्र पूरी तरह फाड़ दिए थे। दुकानदार ने बताया कि रात को अचानक एक लड़की हाँफती हुई उसकी दुकान पर आई और मदद की गुहार लगाने लगी। पूछने पर उसने बताया कि डॉक्टर सुनील उसे अपनी गंदी नीयत का शिकार बनाने की कोशिश कर रहा था। युवती के फटे कपड़ों और चेहरे पर चोट के निशान देख दुकानदार ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

पुलिस जब मौके पर पहुँची तो आरोपी डॉक्टर सुनील अपने कमरे में शराब के नशे में धुत सोया हुआ था। उसने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया। मजबूरन पुलिस को खिड़की के रास्ते अंदर घुसना पड़ा और दरवाजा खोलकर उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने डॉक्टर सुनील को अस्पताल परिसर में शराब पीने और युवती के साथ दुष्कर्म के प्रयास के आरोप में हिरासत में ले लिया है। यह घटना समाज में व्याप्त ऐसी विकृत मानसिकता को उजागर करती है, जहाँ कुछ लोग अपनी शक्ति और पद का दुरुपयोग कर मासूमों को निशाना बनाते हैं।

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