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Up Kiran, Digital Desk: बिहार के गोपालगंज जिले में एक दर्दनाक घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। रात के सन्नाटे में एक बेसहारा महिला पर आवारा कुत्तों का ऐसा हमला हुआ, जिसने नगर प्रशासन और पशु नियंत्रण व्यवस्था की पोल खोल दी। सवाल यह है कि क्या हमारी सड़कों पर मानसिक रूप से कमजोर लोगों की सुरक्षा का कोई जिम्मेदार नहीं?
यह भयावह वाकया कुचायकोट थाना क्षेत्र में घटित हुआ, जहां थाना गेट के समीप रात लगभग 3 बजे एक महिला पर झुंड में मौजूद कुत्तों ने हमला कर दिया। आसपास सीसीटीवी कैमरे में कैद यह पूरी घटना अब सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल रही है और लोगों में आक्रोश भी बढ़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक, पीड़ित महिला की पहचान उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ की रहने वाली सरिता देवी के रूप में की गई है। सरिता देवी पिछले कुछ दिनों से मानसिक असंतुलन की स्थिति में कुचायकोट क्षेत्र में इधर-उधर भटकती नज़र आ रही थीं। घटना की रात वह सड़क किनारे थीं, तभी करीब दर्जनभर कुत्ते अचानक उन पर टूट पड़े। कुत्ते उन्हें बुरी तरह नोंचते और घसीटते रहे। महिला दर्द से चिल्लाती रही, लेकिन रात के सन्नाटे में उसकी चीखें अनसुनी रह गईं।
सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट देखा जा सकता है कि महिला जान बचाने की भरसक कोशिश करती रही, लेकिन कुत्ते लगातार हमला करते रहे। काफ़ी देर बाद किसी स्थानीय व्यक्ति ने कुचायकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सूचना दी। उसके बाद एक एम्बुलेंस मौके पर पहुंची और महिला को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
प्राथमिक उपचार के बाद महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया, जहां अब उसका इलाज जारी है। फिलहाल उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
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