Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच एक बार फिर बयानों की तकरार देखने को मिली है। इस बार मामला भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम के एक विवादास्पद दावे से जुड़ा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने में मध्यस्थता की थी। उनका इशारा शायद 2019 के पुलवामा हमले के बाद के तनाव या उससे जुड़े किसी घटनाक्रम की ओर था।
लेकिन भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "मैं उस कमरे में था (I was in the room) जब ऐसी कोई बातचीत हुई होगी, और मैं आपको बता सकता हूं कि ऐसी कोई बात नहीं हुई।" जयशंकर का यह बयान ट्रंप के दावे की विश्वसनीयता पर सीधा सवाल खड़ा करता है और उनकी बात को सीधे तौर पर गलत साबित करता है।
जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम वास्तव में 2003 से ही लागू है, और यह दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर सहमति का परिणाम था, न कि किसी बाहरी मध्यस्थता या हस्तक्षेप का। उनके शब्दों ने यह साफ कर दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और द्विपक्षीय मामलों में किसी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता है, और अपने निर्णय खुद लेता है।
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