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Up Kiran, Digital Desk: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) ने अब '112' को अपने नए एकीकृत आपातकालीन प्रतिक्रिया नंबर (integrated emergency response number) के रूप में आधिकारिक तौर पर अपना लिया है। इस कदम के साथ, राज्य अमेरिका के '911' और यूके के '999' जैसे वैश्विक मानकों (global standards) के अनुरूप आ गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने औपचारिक रूप से इस सेवा का शुभारंभ किया, जो दशक पुराने 'डायल 100' (Dial-100) सिस्टम से चरणबद्ध संक्रमण (phased transition) की शुरुआत का प्रतीक है।

'डायल 112': भविष्य की आपातकालीन सेवा

'डायल 112' सेवा का उद्देश्य मौजूदा आपातकालीन नंबरों जैसे 100 (पुलिस), 101 (अग्निशमन सेवाएं), 102 (एम्बुलेंस), और 108 (आपदा प्रबंधन) को धीरे-धीरे बदलना है। हालांकि, सुगम संक्रमण सुनिश्चित करने के लिए, ये पुराने हेल्पलाइन नंबर कम से कम एक वर्ष तक चालू रहेंगे।

इस पहल के साथ, मध्य प्रदेश उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की बढ़ती सूची में शामिल हो गया है जिन्होंने '112' को अपनी प्राथमिक आपातकालीन हेल्पलाइन (primary emergency helpline) के रूप में अपनाया है। इस सूची में आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, केरल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नागर हवेली, दमन और दीव, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और नागालैंड जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।

'डायल 100' की विरासत को आगे बढ़ा रहा 'डायल 112':

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने 'डायल 112' को "एक एकीकृत, स्मार्ट, और मल्टी-एजेंसी आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा" बताया, जो 'डायल 100' की विरासत को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, "आपातकालीन स्थितियों की बढ़ती जटिलता और समन्वित प्रतिक्रियाओं की आवश्यकता को देखते हुए, सिस्टम को तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्य (technological landscape) की मांगों को पूरा करने के लिए फिर से डिजाइन किया गया है।"

एक ही नंबर पर मिलेंगी सभी सेवाएं:

'डायल 112' के शुभारंभ से, नागरिकों को अब पुलिस, एम्बुलेंस, अग्निशमन, महिला हेल्पलाइन, साइबर अपराध, राजमार्ग दुर्घटना प्रतिक्रिया, आपदा राहत और बाल संरक्षण (child protection) जैसी विभिन्न आपातकालीन सेवाओं तक केवल एक ही नंबर के माध्यम से पहुंचने की सुविधा मिलेगी। यह नई अपग्रेडेड प्लेटफॉर्म केवल सेवाओं का विलय नहीं, बल्कि राज्य के आपातकालीन प्रतिक्रिया ढांचे (emergency response architecture) का एक व्यापक ओवरहाल (comprehensive overhaul) है।

उन्नत तकनीक और परिचालन दक्षता:

नए संपर्क केंद्र (contact centre) में प्रति शिफ्ट 100 एजेंटों को संभालने की क्षमता है और यह 40-सीटों वाली डिस्पैच यूनिट (dispatch unit) द्वारा समर्थित है। यह उन्नत तकनीकों से लैस है, जिसमें निर्बाध कॉल कनेक्टिविटी के लिए SIP-आधारित ट्रंक लाइनें, रियल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग (real-time location tracking) और डेटा एनालिटिक्स (data analytics) शामिल हैं। 

सिस्टम में कॉल करने वाले की गोपनीयता (caller privacy) की सुरक्षा के लिए नंबर मास्किंग (number masking), चैटबॉट-सक्षम नागरिक इंटरैक्शन ट्रैकिंग (chatbot-enabled citizen interaction tracking) और नागरिकों और पुलिस कर्मियों दोनों के लिए विशेष मोबाइल एप्लिकेशन (mobile applications) भी शामिल हैं। पारदर्शिता (transparency) और परिचालन दक्षता (operational efficiency) को फील्ड रिस्पांस वाहनों (FRVs) में डैशबोर्ड (dashboard) और बॉडी-वॉर्न कैमरों (body-worn cameras) की तैनाती, कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (biometric attendance systems) और वाहन रखरखाव की निगरानी के लिए फ्लीट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर (fleet management software) के माध्यम से प्राथमिकता दी गई है।

यह अपग्रेड न केवल आपात स्थितियों पर प्रतिक्रिया करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, बल्कि उन्हें पहले से अनुमानित करने और रोकने के लिए भी है, जो प्रतिक्रियाशील (reactive) से सक्रिय (proactive) सार्वजनिक सुरक्षा की ओर एक बदलाव का प्रतीक है। 'डायल 112' का शुभारंभ 'डायल 100' की शक्तिशाली विरासत पर आधारित है, जिसे 1 नवंबर, 2015 को भारत की पहली केंद्रीकृत, राज्यव्यापी पुलिस आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा के रूप में पेश किया गया था।

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