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नई दिल्ली: जो लोग रूमेटाइड गठिया (Rheumatoid Arthritis) के दर्द और सूजन से परेशान हैं, उनके लिए एक बहुत अच्छी ख़बर सामने आई है। एक नई स्टडी के मुताबिक़, आजकल वज़न घटाने के लिए जो दवाएँ काफ़ी लोकप्रिय हो रही हैं, वे गठिया के इलाज में भी बहुत असरदार साबित हो सकती हैं।

यह स्टडी उन दवाओं पर की गई है जिन्हें GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट कहा जाता है, जिनमें ओज़ेम्पिक और वेगोवी जैसी दवाएँ शामिल हैं। अब तक यही माना जाता था कि ये दवाएँ सिर्फ़ वज़न कम करके गठिया के मरीज़ों को फ़ायदा पहुँचाती हैं, क्योंकि वज़न कम होने से जोड़ों पर दबाव घट जाता है।

लेकिन नई स्टडी में क्या सामने आया?

इस नई रिसर्च से पता चला है कि इन दवाओं का काम सिर्फ़ वज़न घटाने तक ही सीमित नहीं है। ये दवाएँ सीधे शरीर के अंदर जाकर उस सूजन (inflammation) को भी कम करती हैं जो गठिया का मुख्य कारण है।

रूमेटाइड गठिया एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम ही हमारे जोड़ों पर हमला करने लगता है, जिससे तेज़ दर्द और सूजन होती है। स्टडी के अनुसार, GLP-1 दवाएँ इस ऑटोइम्यून रिएक्शन को शांत करने में मदद करती हैं, जिससे मरीज़ों को काफ़ी राहत मिल सकती है।

मरीज़ों के लिए इसका क्या मतलब है?

इस खोज से गठिया के इलाज में एक नई क्रांति आ सकती है। इसका मतलब है कि भविष्य में डॉक्टर गठिया के मरीज़ों को सिर्फ़ दर्द और सूजन कम करने की दवाएँ ही नहीं, बल्कि वज़न घटाने वाली ये दवाएँ भी दे सकते हैं, ताकि बीमारी को जड़ से नियंत्रित किया जा सके।

यह उन लाखों लोगों के लिए एक नई उम्मीद है जो सालों से जोड़ों के दर्द के साथ जीने को मजबूर हैं। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि किसी भी मरीज़ को अपने-आप इन दवाओं को लेना शुरू नहीं करना चाहिए और हमेशा सलाह लेनी चाहिए।