आमतौर पर हर कोई इंजेक्शन से डरता है, लेकिन डॉक्टर बहुत जरूरी होने पर ही इंजेक्शन लेने की सलाह देते हैं। हालांकि चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि पिछले छह सालों में इस इंजेक्शन से 539 लोग एड्स की चपेट में आ चुके हैं. इस हमले में इंजेक्शन लगाने वाली सुई और सीरिंज शामिल हैं। एड्स नियंत्रण संगठन ने यह सूचना दी है। इनमें वर्ष 2022-23 में सर्वाधिक 261 लोग एड्स से प्रभावित हुए।
- इन कारणों से नहीं फैलता एड्स
- HIV संक्रमित व्यक्ति को छूने से
- उस व्यक्ति से हाथ मिलाने से
एड्स गले के संपर्क में आने या एड्स से संक्रमित व्यक्ति के मच्छर के काटने से किसी अप्रभावित व्यक्ति को काटने से नहीं होता है।
किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ भोजन करने या उस व्यक्ति के बर्तनों और कपड़ों का उपयोग करने या एक ही बाथरूम या शौचालय साझा करने से एड्स नहीं होता है।
एक डॉक्टर ने कहा कि इंजेक्शन के लिए हर बार नई सीरिंज और सुई का इस्तेमाल करना चाहिए, संक्रमण होने पर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। निदान होने के बाद कई रोगी अपने एड्स छुपाते हैं। यह सही नहीं है। उसे इस बारे में परिवार के सदस्यों को सूचित करना चाहिए और उपाय और उपचार करने में उनका सहयोग लेना चाहिए।
HIV संक्रमण के कारण
असुरक्षित यौन संबंध HIV के प्रसार के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। बीते वर्ष निदान किए गए लगभग 95 प्रतिशत रोगियों ने असुरक्षित यौन संबंध के माध्यम से HIV का अनुबंध किया। देशभर में यह अनुपात करीब 86.2 फीसदी है। 2.4 प्रतिशत रोगी माँ से बच्चे में संचरण के माध्यम से, दूषित रक्त के माध्यम से 0.05 प्रतिशत, और दूषित सुइयों या अन्य चिकित्सा उपकरणों के उपयोग के माध्यम से 0.2 प्रतिशत HIV से संक्रमित हुए।
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