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Up Kiran, Digital Desk: ओडिशा में एक छात्र की आत्महत्या ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है और न्याय की मांग को लेकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया है। इसी के चलते राज्य में आज 12 घंटे का बंद (Bandh) बुलाया गया है, जिसका असर सुबह से ही देखने को मिल रहा है। दुकानें बंद हैं, सड़कें सूनी हैं और सार्वजनिक परिवहन लगभग ठप है। यह सब वीएसएसयूटी (VSSUT) के छात्र ज्योतिप्रकाश बेहरा (Jyotiprakash Behera) की दुखद मौत के विरोध में हो रहा है, जिन्हें कथित तौर पर एक सीनियर छात्र द्वारा परेशान किया जा रहा था।

क्या है पूरा मामला? दरअसल, वीर सुरेंद्र साई यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (VSSUT), बुर्ला में दूसरे वर्ष के एक छात्र ज्योतिप्रकाश बेहरा ने कथित तौर पर हॉस्टल में आत्महत्या कर ली थी। आरोप है कि उन्हें उनके एक सीनियर छात्र द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा था, जिससे तंग आकर उन्होंने यह कदम उठाया। इस घटना ने पूरे राज्य में गहरा सदमा पहुंचाया और छात्रों व आम जनता में जबरदस्त गुस्सा भर दिया।

कांग्रेस ने बुलाया बंद, ये हैं मुख्य मांगें इस दुखद घटना के बाद न्याय और दोषियों को सज़ा दिलाने की मांग तेज़ हो गई है। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) ने इस मामले में न्याय की मांग को लेकर आज, सोमवार को 12 घंटे के ओडिशा बंद का आह्वान किया था। यह बंद सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें हैं: आरोपी सीनियर छात्र की तत्काल गिरफ्तारी, घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और शिक्षण संस्थानों में रैगिंग व उत्पीड़न को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना।

बंद का असर: क्या खुला, क्या बंद? सुबह से ही बंद का व्यापक असर देखा जा रहा है। राज्य के प्रमुख राजमार्गों पर वाहनों की आवाजाही कम है और बसें व अन्य सार्वजनिक परिवहन सेवाएं ठप पड़ी हैं। भुवनेश्वर, कटक और अन्य प्रमुख शहरों में अधिकांश दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, शैक्षणिक संस्थान और सरकारी कार्यालय बंद हैं।

लोगों की सुविधा को देखते हुए आवश्यक सेवाओं को बंद से बाहर रखा गया है। इनमें अस्पताल, मेडिकल स्टोर, एम्बुलेंस सेवाएं और दूध की आपूर्ति शामिल हैं। इन सेवाओं पर बंद का कोई असर नहीं पड़ेगा।

कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। बंद को देखते हुए राज्यभर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया है। 

कुछ जगहों पर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है। यह घटना एक बार फिर शिक्षण संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर गंभीर विचार-विमर्श की जरूरत को उजागर करती है।