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Up Kiran Digital Desk: 2025 का चुनावी मौसम अभी पूरी तरह से गरमा नहीं पाया है, लेकिन राजनीतिक बयानबाजियों की तपिश पहले से ही तेज़ हो चुकी है। ऐसे में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय महासचिव मनीष कुमार वर्मा का भागलपुर दौरा और उनके बयानों ने सूबे की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है।

 तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन क्या बोले मनीष वर्मा

सोमवार को भागलपुर में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए वर्मा ने स्पष्ट किया कि आगामी विधानसभा चुनाव NDA नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेगा। गठबंधन एकजुट है और पूरी तैयारी में जुट चुका है।

इस बयान से उन अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया गया जो हाल ही में तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर जैसे नेताओं के बयानों के बाद उभरी थीं।

 जातिगत जनगणना: नीतीश सरकार की पहल को बताया ऐतिहासिक

जातिगत जनगणना को लेकर पूछे गए सवाल पर वर्मा ने कहा कि 1931 तक जातिगत जनगणना होती थी। कांग्रेस के शासन में इसे रोका गया। लेकिन नीतीश जी ने इसे न सिर्फ कराया, बल्कि उसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक की।

उन्होंने यह भी कहा कि इस जनगणना के जरिए राज्य सरकार ने हर वर्ग की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का आंकलन किया और उसे नीति निर्माण की नींव बनाया।

स्वास्थ्य को लेकर उठते सवालों पर तीखा पलटवार

तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर उठाए गए सवालों पर मनीष वर्मा ने करारा जवाब दिया कि बाढ़ के समय नीतीश जी खुद हर प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे। जो लोग जवान नेता हैं, वे कहीं नहीं दिखे। उन्हें सवाल उठाने का नैतिक अधिकार नहीं।

वर्मा ने शराबबंदी को सरकार की सबसे साहसिक और सामाजिक रूप से ज़रूरी पहल बताया कि जब शराबबंदी लागू नहीं थी, तब राज्य की स्थिति भयावह थी। महिलाओं पर घरेलू हिंसा बढ़ रही थी, बच्चों का भविष्य अंधकारमय था। आज इसका सकारात्मक असर दिख रहा है—स्वास्थ्य बेहतर हुआ है, हिंसा में कमी आई है।

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