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Up Kiran, Digital Desk: मजफ्फरपुर जिले के तुर्की थाना क्षेत्र में नाबालिग छात्रा से रेप के आरोपित को पुलिस द्वारा गिरफ्तार न करने और एफआईआर दर्ज कराने में देरी के आरोपों के बीच एसएसपी सुशील कुमार ने तुर्की थानेदार प्रमोद कुमार, दारोगा मंजर आलम और एएसआई मोहम्मद फरीदी को निलंबित कर दिया है। कार्रवाई की वजह पुलिस की कार्यशैली में लापरवाही और अपराध नियंत्रण में शिथिलता बताई गई है।
घटना तीन दिन पहले की है जब आठवीं कक्षा की एक नाबालिग छात्रा के साथ कथित दुष्कर्म की शिकायत दर्ज हुई थी। आरोप है कि पुलिस ने नाबालिग के बयान लेने में विलंब किया और आरोपित को भी गिरफ्तारी नहीं किया। इसके बाद पीड़िता को महिला थाना भेजा गया, वही आरोपित इस दौरान फरार हो गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि जब पुलिस रात में गांव में पहुंची, तो आरोपी मौजूद था, मगर उसे अरेस्ट नहीं किया गया। यहां तक कि आरोपित थाने भी गया, जहां से पुलिस ने उसे भगा दिया। पुलिस की इस कथित उदासीनता से ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया।
नाराज ग्रामीणों ने सोमवार की रात तुर्की थाने की गश्ती पुलिस को गांव में बंधक बना लिया और पुलिस कर्मियों से मारपीट की। इस स्थिति ने जिले में सनसनी फैला दी। थानेदार और गश्ती पदाधिकारी ने स्थिति गंभीर होने पर जिला प्रशासन को मदद के लिए सूचित किया। तत्पश्चात ग्रामीण एसपी विद्या सागर रात में गांव पहुंचे और लोगों से समझाइश की।
गांव वालों ने एसपी को बताया कि पुलिस का फरियादियों के प्रति व्यवहार उचित नहीं था और आरोपित की गिरफ्तारी में लापरवाही बरती गई। एसपी ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि 48 घंटे के भीतर आरोपित की गिरफ्तारी कर ली जाएगी, जिसके बाद लोगों ने पुलिस को छोड़ दिया।
एसएसपी सुशील कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुर्की थानेदार प्रमोद कुमार समेत तीन पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उन्होंने बताया कि आगे की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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