
Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के एक संयुक्त कार्रवाई समिति (Joint Action Committee - JAC) ने राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए हेल्थ कार्ड (Health Card) की प्रभावशीलता पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनका आरोप है कि वर्तमान स्वास्थ्य कार्ड योजना "बेकार" साबित हो रही है और कर्मचारियों को उचित चिकित्सा सुविधाएँ नहीं मिल रही हैं।
जेएसी नेताओं ने कहा कि हेल्थ कार्ड होने के बावजूद, सरकारी अस्पतालों और अनुबंधित निजी अस्पतालों में कर्मचारियों और उनके आश्रितों को पर्याप्त उपचार नहीं मिल पा रहा है। उनका तर्क है कि योजना में कई खामियां हैं, जिसके कारण उन्हें अपनी चिकित्सा जरूरतों के लिए अपनी जेब से बड़ा पैसा खर्च करना पड़ रहा है, जबकि हेल्थ कार्ड का उद्देश्य उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना था।
कर्मचारियों की मुख्य शिकायतें:
निजी अस्पतालों में समस्याओं: कई निजी अस्पताल हेल्थ कार्ड पर उपचार प्रदान करने में आनाकानी करते हैं या पूरा खर्च कवर नहीं करते।
सीमित कवरेज: कुछ विशिष्ट बीमारियों या प्रक्रियाओं के लिए कवरेज अपर्याप्त है।
प्रक्रियागत जटिलताएं: उपचार प्राप्त करने की प्रक्रिया जटिल और समय लेने वाली है।
कैशलेस सुविधा का अभाव: कई जगहों पर कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिससे कर्मचारियों को पहले भुगतान करना पड़ता है और बाद में प्रतिपूर्ति (reimbursement) के लिए इंतजार करना पड़ता है।
जेएसी ने सरकार से इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने और स्वास्थ्य कार्ड योजना को अधिक प्रभावी और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने का आग्रह किया है। उनकी मांगों में योजना के तहत शामिल अस्पतालों की संख्या बढ़ाना, कवरेज का विस्तार करना, और कैशलेस उपचार की सुविधा को सुचारू बनाना शामिल हो सकता है।
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उनके कार्यकाल और सेवानिवृत्ति के बाद चिकित्सा देखभाल एक महत्वपूर्ण लाभ है। यदि यह योजना प्रभावी नहीं होती है, तो यह उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आंध्र प्रदेश सरकार इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया देती है और कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करने के लिए क्या कदम उठाती है।
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