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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश विधानसभा के तीन विधायक अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज पांडेय अब असम्बद्ध (independent) घोषित किए गए हैं, जिससे इनकी मंत्री बनने की राह में आने वाली तकनीकी अड़चनें समाप्त हो गई हैं। यह बदलाव समाजवादी पार्टी (सपा) से उनके निष्कासन के बाद हुआ है। ये तीनों विधायक पहले सपा के टिकट पर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन राज्यसभा चुनाव के दौरान इन लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए क्रॉस वोटिंग की थी।

यह घटनाक्रम उस समय सामने आया जब पिछले महीने सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इन तीनों विधायकों के मंत्री बनने में आ रही रुकावटों पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि अब जब इनका निष्कासन हो चुका है, तो उनकी मंत्री बनने की दिक्कतें समाप्त हो गई हैं। उसी समय यह भी साफ हो गया था कि इनकी 'टेक्निकल बाधा' को खत्म करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा 5 जुलाई 2025 को लिखे गए एक पत्र में, यह स्पष्ट किया गया था कि मनोज पांडेय, राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह को सपा से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने एक पत्र जारी किया, जिसमें तीनों को असम्बद्ध सदस्य के रूप में मान्यता दी गई। इस पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि विधानसभा अध्यक्ष की अनुशंसा के बाद यह निर्णय लिया गया।

अब विधानसभा में ये तीनों विधायक किसी पार्टी से सम्बद्ध नहीं होंगे, और वे निर्दलीय सदस्यों के रूप में सत्रों में भाग लेंगे। हालांकि, यह भी दिलचस्प है कि मनोज पांडेय ने क्रॉस वोटिंग के तुरंत बाद ही भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह से मुलाकात की थी और फिर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।

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