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Up Kiran, Digital Desk:काबुल से आ रही खबर ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। रविवार रात अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में आए शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई, जिसमें मरने वालों की संख्या 800 के पार पहुंच गई है। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, सैकड़ों लोग घायल हैं और कई इलाकों में राहत-बचाव अभियान लगातार जारी है।
भूकंप का झटका रविवार देर रात 11 बजकर 47 मिनट पर महसूस किया गया। अमेरिकी भू-वैज्ञानिक सर्वे के अनुसार, इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.0 थी और इसका केंद्र जमीन से लगभग आठ किलोमीटर की गहराई में दर्ज किया गया। भूकंप का क्षेत्र पहाड़ी इलाका होने के चलते राहत कार्य में काफी मुश्किलें आ रही हैं।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सामाजिक मंच ‘एक्स’ पर पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई। उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की और कहा कि भारत इस संकट के समय अफगानिस्तान की हरसंभव मदद करने के लिए तैयार है।
क्यों बार-बार भूकंप झेलता है अफगानिस्तान
विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील इलाका है। इसका कारण यह है कि देश कई टेक्टोनिक फॉल्ट लाइनों पर स्थित है जहां भारतीय और यूरेशियन प्लेटें आपस में मिलती हैं। यही वजह है कि समय-समय पर यहां विनाशकारी झटके आते रहते हैं।
पहले भी डुबो चुका है जन-समुद्र
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की आपदा ने अफगानिस्तान को झकझोरा हो। पिछले साल पश्चिमी इलाकों में आए दो भूकंपों में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। वहीं, अक्टूबर 2023 में 6.3 तीव्रता के भूकंप ने करीब चार हजार लोगों की जान ले ली थी।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि पिछले दस सालों में देश में भूकंप की वजह से सात हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। औसतन हर साल पांच सौ साठ से ज्यादा मौतें इन झटकों की भेंट चढ़ जाती हैं।
तालिबान सरकार की चुनौती
तालिबान प्रशासन ने राहत और बचाव दलों को प्रभावित इलाकों में भेजा है। सैकड़ों लोग मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है, वहीं घायल लगातार नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराए जा रहे हैं। सुरक्षा बल और बचावकर्मी दिन-रात बचाव कार्य में जुटे हैं लेकिन दुर्गम पहाड़ी इलाका बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रहा है।
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