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Up Kiran, Digital Desk: एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी का समर्थन करने की घोषणा की है। ओवैसी ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने उनसे यह समर्थन मांगते हुए, सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाने की इच्छा जताई थी।

तेलंगाना मुख्यमंत्री का समर्थन अनुरोध

हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने ट्विटर पर जानकारी दी कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने उन्हें उपराष्ट्रपति चुनाव में सुदर्शन रेड्डी के समर्थन की अपील की थी। ओवैसी ने ट्वीट किया, "@TelanganaCMO ने आज मुझसे बात की और अनुरोध किया कि हम उपराष्ट्रपति के रूप में न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी का समर्थन करें। @aimim_national न्यायमूर्ति रेड्डी, एक हैदराबादी और सम्मानित न्यायविद, को अपना समर्थन देगा। मैंने भी न्यायमूर्ति रेड्डी से बात की और उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं।"

न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी को मिले ओवैसी का समर्थन

ओवैसी का यह बयान इस बात की पुष्टि करता है कि एआईएमआईएम अपने पारंपरिक वोट बैंक के साथ विपक्षी उम्मीदवार के पक्ष में खड़ी होगी। ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश सुदर्शन रेड्डी से भी बातचीत की और उन्हें चुनावी प्रक्रिया के लिए शुभकामनाएं दीं।

उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को

निवर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद, 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान होगा। यह चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से होगा और इसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य हिस्सा लेंगे।

एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है।

वोटिंग प्रणाली और परिणाम

उपराष्ट्रपति चुनाव एकल संक्रमणीय मत (Single Transferable Vote) प्रणाली पर आधारित होता है, जहां गुप्त मतदान के जरिए निर्वाचक मंडल अपना वोट देता है। यह चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व (Proportional Representation) प्रणाली के तहत होता है और इसमें किसी पार्टी व्हिप का पालन नहीं किया जाता।

एनडीए और विपक्ष की ताकत का आंकलन

वर्तमान में, एनडीए के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 133 सदस्य हैं, जिससे उनकी कुल संख्या 426 होती है। इस संख्या से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि एनडीए के उम्मीदवार को आसानी से विजय मिल सकती है, हालांकि क्रॉस-वोटिंग से यह संख्या बढ़ भी सकती है।

संभावित परिणाम पर नजर

चुनाव के परिणाम 9 सितंबर के बाद घोषित किए जाएंगे, जब सभी सांसद अपने-अपने मतों का प्रयोग करेंगे। इस चुनाव में एनडीए और विपक्ष दोनों ही अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं।

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