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हाल ही में गुजरात में हुए विधानसभा इलेक्शन के बाद यूपी में हुए विधानसभा चुनावों के बाद अब राजस्थान में भी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने अपनी राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए इस बार राजस्थान विधानसभा चुनावों में उतरने की तैयारी कर ली है और कई सीटों पर पार्टी इस बार चुनाव लड़ेगी।

इस बार उनकी पार्टी राजस्थान में पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी और एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक ट्वीट भी कर दिया है और उन्होंने ये ट्वीट करके जो दो सीटें पार्टी अभी लड़ने का प्लान बना रही है। फतेहपुर शेखावटी की सीट और कामां इन सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी गई है।

ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा, आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव में फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से एडवोकेट जावेद अली खान और कामां विधानसभा क्षेत्र से इमरान नवाब उनकी पार्टी के कैंडिडेट होंगे।

इन पार्टियों के बिगड़ेगा खेल

पार्टी का प्लान है कि इस बार राजस्थान विधानसभा चुनावों में करीब 30 से 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे जाएं। अब इससे नुकसान किसको होगा? बीजेपी को अधिकतर ओवैसी की मौजूदगी से फायदा होता है, चाहे वह किसी भी राज्य में हो। क्योंकि ओवैसी की छवि कट्टरवादी की है। वहीं बीजेपी के कुछ नेताओं की छवि कट्टरवादी की है। बीजेपी की भी छवि कई लोगों के लिए कट्टरवादी की है। एआईएमआईएम की भी छवि कई लोगों के लिए कट्टरवादी पार्टी की है। ऐसे में राजस्थान में अगर पार्टी 30 से 40 सीटों पर चुनाव लड़ती है तो यह गणित बिगाड़ेंगे।

कांग्रेस का हालांकि कुछ सीटों में गणित बीजेपी का भी बिगड़ेगा क्योंकि जहां पर मुस्लिम बहुल है वहां पर वोट एक तरफ समेटने का माद्दा एआईएमआईएम रखती है और इसकी पुष्टि की 30 से 40 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इसकी पुष्टि खुद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जमील खान कर चुके हैं।

 

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