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Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मराठा सैन्य परिदृश्यों (Maratha Military Landscapes) को यूनेस्को (UNESCO) की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल किए जाने पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि हर भारतीय के लिए गर्व और उत्साह का क्षण है, क्योंकि यह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को वैश्विक मंच पर मान्यता प्रदान करती है।

मराठा सैन्य परिदृश्य, छत्रपति शिवाजी महाराज के असाधारण सैन्य कौशल और रणनीतिक दूरदर्शिता के प्रतीक हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के किले, पहाड़ी किले, समुद्री किले और सैन्य संरचनाएं शामिल हैं, जो 17वीं और 19वीं शताब्दी के दौरान मराठा साम्राज्य की सैन्य शक्ति और इंजीनियरिंग प्रतिभा को दर्शाते हैं। ये परिदृश्य न केवल सुरक्षा के लिए बनाए गए थे, बल्कि उस समय के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन का भी अभिन्न अंग थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा, "मराठा सैन्य परिदृश्यों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल किए जाने से हर भारतीय उत्साहित है। यह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को वैश्विक मंच पर एक पहचान दिलाता है। यह मराठा साम्राज्य के सैन्य कौशल, इंजीनियरिंग प्रतिभा और रणनीतिक दूरदर्शिता का एक प्रमाण है।"

यह मान्यता भारत के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है:

सांस्कृतिक पहचान: यह मराठा संस्कृति, इतिहास और सैन्य वास्तुकला को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाता है।

पर्यटन को बढ़ावा: इससे इन ऐतिहासिक स्थलों पर पर्यटन बढ़ेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

संरक्षण के प्रयास: यूनेस्को की मान्यता अक्सर इन स्थलों के संरक्षण और रखरखाव के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन और धन आकर्षित करती है।

राष्ट्रीय गौरव: यह भारतीयों को अपनी गौरवशाली विरासत पर गर्व करने और उसके बारे में अधिक जानने के लिए प्रेरित करता है।

मराठा सैन्य परिदृश्यों में महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में फैले कई किले शामिल हैं, जैसे शिवनेरी, राजगढ़, रायगढ़, तोरणा, लोहगढ़, खंडेरी, सिंहगढ़ और प्रतापगढ़। इन किलों ने मराठा साम्राज्य के उत्थान और विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

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