
Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की अपनी यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को और मजबूत करने वाला एक यादगार कदम उठाया है। उन्होंने त्रिनिदाद और टोबैगो के प्रधानमंत्री डॉ. कीथ रोवले को अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का एक सुंदर प्रतिरूप (replica) और पवित्र सरयू नदी का जल भेंट किया।
यह उपहार सिर्फ भौतिक वस्तुएं नहीं, बल्कि भारत की समृद्ध सभ्यता, आस्था और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक हैं। राम मंदिर का प्रतिरूप भारत की आस्था का केंद्र और अयोध्या के महत्व को दर्शाता है, जो भगवान राम की जन्मभूमि है और दुनियाभर के करोड़ों हिंदुओं के लिए पूजनीय स्थल है। वहीं, सरयू नदी का पवित्र जल हिंदू धर्म में उसकी शुद्धता और आध्यात्मिक महत्ता का परिचायक है, जिसमें स्नान करना और उसका सेवन करना मोक्षदायक माना जाता है।
पीएम मोदी का यह भावपूर्ण उपहार भारत और कैरिबियाई देशों, विशेषकर त्रिनिदाद और टोबैगो के बीच मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित करता है। त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय मूल के लोगों की एक बड़ी आबादी है, जिनके पूर्वज सदियों पहले भारत से वहां गए थे। इन 'गिरमिटिया' मजदूरों ने अपनी जड़ों, संस्कृति और परंपराओं को विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सहेज कर रखा है और उन्हें अपनी नई भूमि में भी जीवंत बनाए रखा। यह उपहार उनके पूर्वजों की भूमि से एक भावनात्मक जुड़ाव का भी प्रतीक है।
यह कदम धार्मिक सद्भाव और वैश्विक भाईचारे का भी एक मजबूत संदेश देता है। यह दर्शाता है कि कैसे संस्कृति और आस्था की साझा कड़ियाँ विभिन्न देशों को एक-दूसरे के करीब ला सकती हैं, भले ही वे भौगोलिक रूप से कितनी भी दूर क्यों न हों।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा और यह प्रतीकात्मक उपहार निश्चित रूप से भारत और त्रिनिदाद और टोबैगो के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ेगा, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोगों से लोगों के बीच संपर्क और मजबूत होगा।
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