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Tamim bin Hamad Al Thani: पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी का स्वागत करने के लिए सोमवार शाम दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी का किसी विदेशी राष्ट्रपति का स्वागत करने के लिए स्वयं हवाई अड्डे जाना दुर्लभ है, लेकिन भारत और कतर के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए मोदी द्वारा ये कदम उठाया गया।

कतर के अमीर अल थानी दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर अमीर अल थानी अपनी दूसरी भारत यात्रा पर हैं। इससे पहले वह 2015 में दिल्ली आये थे। भारत और कतर ने हाल ही में व्यापार, निवेश, ऊर्जा, उद्योग, संस्कृति सहित विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत संबंध विकसित किए हैं। इस बार भी कतर के अमीर अल थानी की यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी दुनिया के 9वें सबसे अमीर शासक हैं। उनकी संपत्ति लगभग 335 बिलियन डॉलर आंकी गई है।

कौन हैं अमीर शेख तमीम बिन अल थानी

3 जून 1980 को दोहा, कतर में जन्मे तमीम बिन अल थानी ने 25 जून 2013 को अपने पिता शेख हमद बिन खलीफा अल थानी के स्थान पर कतर के अमीर का पद संभाला। ब्रिटेन में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद तमीम बिन हमद ने कतर की सेना में सेवा की। 44 वर्षीय तमीम न केवल कतर के सबसे युवा सबसे अमीर आदमी हैं, बल्कि दुनिया के सबसे युवा राष्ट्रपतियों में से एक भी हैं। उसकी तीन शादियाँ हो चुकी हैं। उनकी तीन पत्नियों से 13 बच्चे हैं।

तमीम को 2003 में ब्रिटेन से लौटने के बाद क्राउन प्रिंस बनाया गया था। फिर 2009 में उन्हें सेना में डिप्टी कमांडर-इन-चीफ नियुक्त किया गया। खेलों में विशेष रुचि रखने वाले तमीम को कतर में 2006 एशियाई खेलों की सफल मेजबानी से वैश्विक मंच पर नई पहचान मिली। उनके नेतृत्व में कतर में 2022 फीफा विश्व कप का आयोजन भी किया गया।

बता दें कि जून 2013 में शेख हमद बिन खलीफा ने अपने बेटे तमीम के पक्ष में कतर के अमीर के पद से त्यागपत्र दे दिया। कतर में सत्ता का यह परिवर्तन अपेक्षित था, लेकिन ये फैसला अरब देशों में नेताओं के आजीवन पद पर बने रहने की परंपरा से अलग था। शुरू में तमीम के शासन के दौरान, पड़ोसी देशों के साथ कतर के संबंधों में कुछ तनाव था। 2017 में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने कतर के साथ संबंध तोड़ लिये थे और उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे।