
Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रोएशिया में एक महत्वपूर्ण संबोधन में आतंकवाद के खिलाफ भारत के अडिग रुख को दोहराया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आतंकवाद उन सभी शक्तियों के लिए 'शत्रु' है, जो लोकतंत्र, शांति और मानवाधिकारों में विश्वास रखती हैं। प्रधानमंत्री का यह बयान वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
क्रोएशिया के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान, पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते, आतंकवाद के खतरे को अच्छी तरह समझता है और इसके खिलाफ वैश्विक लड़ाई में सबसे आगे है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद किसी एक देश की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक चुनौती है जो पूरे मानव समाज को खतरा है।
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार न किया जाए और इसके सभी रूपों की निंदा की जाए, चाहे उसका स्रोत या प्रेरणा कुछ भी हो। उन्होंने आतंकवाद के वित्तपोषण, आतंकी संगठनों को पनाह देने और उन्हें वैचारिक समर्थन देने वाले नेटवर्क को ध्वस्त करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
पीएम मोदी ने क्रोएशिया के नेताओं के साथ अपनी बातचीत में भी आतंकवाद विरोधी सहयोग को एजेंडे में रखा। भारत लगातार संयुक्त राष्ट्र में 'अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन' (CCIT) को अपनाने का आह्वान करता रहा है, जिसका उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ एक एकीकृत कानूनी ढांचा तैयार करना है।
प्रधानमंत्री का यह संदेश वैश्विक नेताओं को आतंकवाद के खिलाफ एक साथ आने और एकजुट होकर लड़ने की याद दिलाता है। यह भारत की विदेश नीति का एक केंद्रीय स्तंभ रहा है कि आतंकवाद को किसी भी प्रकार से जायज नहीं ठहराया जा सकता और इसके खिलाफ कठोर और सामूहिक कार्रवाई आवश्यक है। यह क्रोएशिया जैसे देशों के साथ भारत के बढ़ते रणनीतिक संबंधों को भी दर्शाता है, जो लोकतंत्र और शांति के साझा मूल्यों पर आधारित हैं।
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